राजस्थान हाई कोर्ट ने बुधवार को कहा कि शाहरुख खान के ऊपर लगे दंगे और लोगो की ज़िन्दगी खतरे में डालने के इलज़ाम, याचिकाकर्ता द्वारा मामले से पीछे हटने के बाद भी बरक़रार रहेंगे। ये मामला उस वक़्त का है जब अपनी फिल्म ‘रईस‘ के प्रचार के लिए किंग खान ट्रैन पकड़ कर कोटा गए थे।
2017 में आई अपनी एक्शन-क्राइम फिल्म ‘रईस’ के प्रचार के लिए, शाहरुख़ ने मुंबई से नयी दिल्ली जाने वाली अगस्त क्रांति राजधानी एक्सप्रेस में 23-24 जनवरी में सफ़र किया था। जब ट्रेन राजस्थान के कोटा में सुबह के 6 बजे रुकी थी तो सुपरस्टार ने अपने चाहनेवालों के लिए तौफे बांटे थे जिससे रेलवे स्टेशन पर काफी भागादौड़ी हो गयी थी और सार्वजनिक संपत्ति को भारी नुकसान झेलना पड़ा था।
रेलवे वेंडर विक्रम सिंह जिनकी ट्राली नष्ट हो गयी थी, उन्होंने बादशाह के खिलाफ भारतीय दंड साहिता के तहत कई धाराओं के अंतर्गत मामला दर्ज़ कराया था जिसमे 147: दंगे, 149: गैरकानूनी सभा, 160: हंगामा, 427: शरारत से हुआ नुकसान, 120B: आपराधिक साजिश, सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की रोकथाम की धारा 3, 145: नशे और उपद्रव, 146: रेलवे कर्मचारियों को रेलवे एक्ट 1989 की ड्यूटी करने से रोकना जैसी धाराएं शामिल थी। सुपरस्टार ने भी उनके खिलाफ लगी एफआईआर को खारिज करने के लिए याचिका दर्ज़ कराई थी।
शिकायतकर्ता ने बुधवार को कोर्ट को बताया कि वह मामले को आगे नहीं बढ़ाना चाहते हैं। हालांकि, सार्वजानिक अभियोक्ता शेर सिंह मेहला ने कहा कि याचिकाकर्ता मामले का फैसला नहीं ले पाए क्योंकि इसमें सार्वजनिक संपत्ति को हुआ नुकसान भी शामिल था। अभियोक्ता ने ये भी कहा कि जीआरपी ने अपनी रिपोर्ट में, शाहरुख़ को दंगे और लोगों की ज़िन्दगी और दूसरों की व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने का दोषी पाया है।
मामले की अगली सुनवाई 28 मई को होगी।