Fri. Dec 27th, 2024
    योगी आदित्यनाथ

    उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव के कार्यकाल में प्रदेश में हुई नियुक्तियों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में हुई सारी नियुक्तियों में फर्जीवाड़ा हुआ है। कोई भी ऐसी नियुक्तियाँ नहीं हुई जिसमे धांधली ना हुई हो। सरकार 2012 के बाद से हुई सारी नियुक्तियों की सीबीआई जाँच कराएगी।

    मुख्यमंत्री ने पिछली सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि अखिलेश सरकार कि गलत नीतियों के कारण आज प्रदेश में बेरोजगारों की फ़ौज तैयार हो चुकी है। पुलिस में डेढ़ लाख पद खली पड़े हुए है और युवा सड़कों पर घूम रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इस दिशा में उचित कदम उठाएगी। मुख्यमंत्री योगी ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार बदले कि भावना से काम नहीं कर रही है पर तय मानकों में अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

    मानकों के अनुसार नहीं थी पीसीएस नियुक्तियाँ

    मुख्यमंत्री ने प्रदेश में हुई पीसीएस नियुक्तियों को भी फ़र्ज़ी करार दिया है। उन्होंने कहा कि इन नियुक्तियों में धांधली होने के स्पष्ट सबूत मिले हैं और अयोग्य उम्मीदवारों का चयन हुआ है। इस मामले की सीबीआई जाँच होगी और दोषी पाए गए लोगों पर कठोर कार्यवाही की जाएगी।

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्र की योजनाओं की तारीफ करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री देश के हित में काम कर रहे हैं। वो सबको साथ लेकर चलने की अपनी बात पर आज भी कायम है और यह केंद्र की योजनाओं में स्पष्ट रूप से दिखता है। राज्य की पिछली सरकार का केंद्र के साथ कोई समन्वय नहीं था और इस वजह से राज्य के लोग केंद्र की योजनाओं का लाभ पाने से वंचित रहे। पर अब ऐसा नहीं है। राज्य के लोगों को केंद्र की योजनाओंका पूरा लाभ मिल रहा है।

    उन्होंने अपराधियों को शरण देने वालों के खिलाफ भी कानून बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि अपराधों और अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए प्रदेश सरकार प्रयासरत है। सरकार राज्य में कानून व्यवस्था बनाये रखने की दिशा में तत्परता से काम कर रही है।

    By हिमांशु पांडेय

    हिमांशु पाण्डेय दा इंडियन वायर के हिंदी संस्करण पर राजनीति संपादक की भूमिका में कार्यरत है। भारत की राजनीति के केंद्र बिंदु माने जाने वाले उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले हिमांशु भारत की राजनीतिक उठापटक से पूर्णतया वाकिफ है।मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक करने के बाद, राजनीति और लेखन में उनके रुझान ने उन्हें पत्रकारिता की तरफ आकर्षित किया। हिमांशु दा इंडियन वायर के माध्यम से ताजातरीन राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर अपने विचारों को आम जन तक पहुंचाते हैं।