संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में जम्मू कश्मीर मे हुए घृणित और कायराना आतंकी हमले के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर दिया गया है। इस प्रस्ताव पर वैश्विक संस्था के स्थायी और अस्थायी सदस्यों ने अपनी सहमति जाहिर की है। जिसमे चीन ने भी समर्थन किया है।
अमेरिका सहित कई अरब देशों ने इस फियादीन हमले की आलोचना की है। चीन इस संस्था का स्थायी सदस्य है, इसलिए उसके पार वीटो पावर है। वीटो का इस्तेमाल कर चीन ने कई बार मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकी घोषित करने में अड़चन डाली है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् ने विज्ञप्ति जारी कर कहा कि “सुरक्षा परिषद् के सदस्य जम्मू कश्मीर में हुए इस घृणित और कायराना आत्मघाती हमले की कड़ी निंदा सकते हैं। इस हमले में 40 भारतीय जवानों की मृत्यु हो गयी थी और दर्जनों सैनिक बुरी तरह जख्मी थे। इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी जैश ए मोहम्मद ने ली है।”
यूएन ने सही देशों के ठोस कदम उठाने का अनुरोध किया है। उन्होंने साजिशकर्ताओं,आयोजकों, वित्तीय सहायता मुहैया करने वालो और प्रायोजकों की गिरफ्तारी की जरुरत को रेखांकित किया और उन्हें इसके लिए सज़ा दिलवाने का आवहान किया। यूएन ने सभी देशों को भारत सरकार और इससे सम्बंधित विभागों के साथ सक्रियता से सहयोग करने को कहा है।
साथ ही यूएन ने पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। यूएन ने कहा “सुरक्षा परिषद् के सदस्य पीड़ितों के परिवारों और भारत सरकार व भारतीय जनता के प्रति गहरी सहानुभूति और संवेदना व्यक्त करते हैं। साथ ही जख्मी सैनिकों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं।”
सुरक्षा परिषद के अन्य सदस्यों ने कहा कि “कोई भी आतंकी गतिविधि आपराधिक है और यह न्यायसंगत नहीं है। सभी देशों को इसे खत्म करने की जरूरत हैं।”
यूएन ने कहा था कि “जम्मू कश्मीर में हुआ आतंकी हमले की हम कड़ी निंदा करते हैं। हम भारत सरकार और इस हमले में शहीद हुए सैनिकों के परिवारों सहानुभूति व्यक्त करते हैं। इस हमले को अंजाम देने वालों को न्यायिक प्रक्रिया का सामना करने का आग्रह करते हैं। जख्मी लोगों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं।”