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    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी बाजपेयी की 95वीं जयंती पर बुधवार को उनकी स्मृति में रोहतांग टनल (सुरंग) का नामकरण ‘अटल टनल’ के रूप में करने की घोषणा की। प्रधानमंत्री ने यहां विज्ञान भवन में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि रोहतांग टनल को अब अटल के नाम से जाना जाएगा।

    मोदी ने कहा, “आज देश के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण एक परियोजना का नाम अटल जी को समर्पित किया गया है। हिमाचल प्रदेश के लद्दाख और जम्मू-कश्मीर से जोड़ने वाली और मनाली को लेह से जोड़ने वाली रोहतांग टनल अब अटल टनल के नाम से जानी जाएगी।”

    उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के लोगों को इस सरकार की तरफ से अटल जी के जन्म दिन पर एक बहुत बड़ा महत्वूर्ण उपहार है।

    उन्होंने कहा कि यह सिर्फ हिमाचल या लेह-लद्दाख तक सीमित नहीं है, बल्कि एक प्रकार से अटल जी दूरदर्शिता का परिचायक है, क्योंकि यह पूरे देश की सुरक्षा और पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।

    प्रधानमंत्री ने कहा, “यह अटल जी ही थे, जिन्होंने इस टनल के महत्व को समझा और उसके निर्माण का मार्ग बनाया। अटल जी के नाम पर इस टनल का नामकरण होना हिमाचल के प्रति उनके लगाव और अटल जी के प्रति आप सभी के आदर और असीम प्यार का प्रतीक है।”

    वाजपेयी ने 2003 में रोहतांग टनल का शिलान्यास किया था और हिमरचल प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल की बैठक में 20 अगस्त 2018 को इस टनल का नाम पूर्व प्रधानमंत्री के नाम पर रखने का प्रस्ताव किया गया था और बाद में इसे केंद्र सरकार की मंजूरी के लिए पारित किया गया था।

    हिमाचल प्रदेश की लाहौल घाटी को शेष दुनिया से जोड़ने के लिए रोहतांग सुरंग का निर्माण करने की परिकल्पना वाजपेयी ने 1998 में की थी और उन्होंने तीन जून, 2000 को इस परियोजना की घोषणा की।

    अटल भूजल योजना 

    इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर अटल भूजल योजना लांच की। इस योजना का उद्देश्य देश में सामुदायिक भागीदारी के जरिए भूजल प्रबंधन में सुधार लाना है।

    अटल भूजल योजना सबसे पहले गुजराज, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में लागू होगी।

    प्रधानमंत्री इस मौके पर स्टार्टअप्स से आग्रह किया कि वे ऐसी प्रौद्योगिकी लाएं, जिससे हमारी विभिन्न जरूरतों में पानी का कम से कम इस्तेमाल सुनिश्चित हो सके।

    मोदी ने इसके साथ ही प्रत्येक गांव से आग्रह किया कि वे एक जल कार्ययोजना बनाएं और एक जल कोष का सृजन भी करें।

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