राकेश ओमप्रकाश मेहरा की आगामी फिल्म “मेरे प्यारे प्राइम मिनिस्टर” एक ऐसे बच्चे की कहानी है जो भारत के प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखता है जब उसकी माँ का बलात्कार हो जाता है। भले ही इसमें प्रधानमंत्री शब्द का इस्तेमाल हो रहा हो मगर निर्देशक का ये फिल्म पीएम नरेंद्र मोदी को दिखाने का कोई इरादा नहीं है क्योंकि उन्हें लगता है कि पीएम उतना समय राष्ट्रिय हित के लिए व्यतीत कर सकते हैं।
फिल्म के ट्रेलर लांच के दौरान, जब मेहरा से पूछा गया कि क्या वे ये फिल्म पीएम को दिखाने की सोच रहे हैं तो उन्होंने कहा कि फिल्म देश के लोगों के लिए बनी है और उसे पीएम कार्यालय का इस्तेमाल करके हल्का नहीं होने देंगे।
उनके मुताबिक, “हमारी अभी तक ऐसी कोई योजना नहीं है। ये काफी फैशनेबल बन गया है। मैं तो बल्कि इससे दूर रहना ही पसंद करूँगा।”
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जब संवाददाता ने पूछा कि क्या इसके पीछे कोई विशेष कारण है तो उन्होंने कहा-“अब आप इसमें ज्यादा दूर जा रहे हैं। आपने कुछ पूछा और मैंने पूरी ईमानदारी से इसका जवाब दिया। ‘क्यों’ का सवाल ही नहीं उठता। मुझे लगता है कि फिल्म देश के लोगों के लिए बनी है और मैं इसे हल्का नहीं होने देना चाहता और इतने बड़े कार्यालय का इस्तेमाल नहीं करना चाहता।”
“वे देश चलाने में काफी व्यस्त हैं। अपने तीन घंटे निकालना जो वे राष्ट्रिय और अंतर्राष्ट्रीय हित को समर्पित कर सकते हैं। चूँकि मुझे फिल्म का प्रचार करना है, ये मुझपर जचेगा नहीं। लेकिन अगर उन्हें फिल्म देखनी है तो ये सम्मान की बात होगी।”
अंजलि पाटिल, ओम कनोजिया, मकरंद देशपांडे, रसिका अगाशे, सोनिया अलबीजुरी और नचिकेत पूर्णपात्रे अभिनीत फिल्म 15 मार्च को रिलीज़ होगी।
फिल्म का ट्रेलर लांच हो गया है जो देखने में काफी जबरदस्त लग रहा है। इसमें दिखाया गया है कि कैसे ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले लोगों को किस किस दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस ट्रेलर में एक बच्चा पीएम से मिलने की कोशिश करता है। वे अपने माँ के बलात्कार का इंसाफ माँगना चाहता है।
फिल्म के कलाकार और दृश्य उत्सुकता बढ़ाने वाले हैं। अपनी बाकि फिल्मों से हटके, इस बार मेहरा ने दर्शकों के सामने एकदम नयी दुनिया रखी है। फिल्म खुले में शौच और स्वच्छता जैसे विषयों से निपटने का दावा करती है। हम सूची में यौन हिंसा और शायद जाति की गतिशीलता को भी सुरक्षित रूप से जोड़ सकते हैं। यह भारतीय समाज की कुछ वर्जनाओं को भी छूता है और ताज़ा और मज़ेदार लगता है।
कुल मिलाकर, फिल्म आशाजनक नज़र आ रही है। और भारतीय समाज को प्रभावित करने की क्षमता रखती है।