अमेरिकी राज्य सचिव माइक पोम्पिओ बुधवार को मुस्लिमों पर चीन के शर्मनाक पाखंड पर भड़क उठे थे। चीन का मुस्लिमों के साथ व्यवहार काफी दमनकारी रहा है।
माइक पोम्पिओ ने शिनजियांग में कैद रहे व्यक्ति और उनके रिश्तेदारों से मुलाकात की थी। बीजिंग ने उइगर और अन्य मुस्लिम समुदाय को शिविरों में नज़रबंदी बना कर रखा हुआ है।
विश्व निरंकुशता बर्दाश्त नहीं करेगा
The world cannot afford China’s shameful hypocrisy toward Muslims. On one hand, China abuses more than a million Muslims at home, but on the other it protects violent Islamic terrorist groups from sanctions at the UN.
— Secretary Pompeo (@SecPompeo) March 27, 2019
माइक पोम्पिओ ने ट्वीट कर कहा कि “चीन द्वारा निरंकुश ढंग से बनाये गए बंदियों को छोड़ देना चाहिए और अपना अत्याचार खत्म करना चाहिए। मुस्लिमों के प्रति चीन के शर्मनाक रवैये को वैश्विक समुदाय बर्दाश्त नहीं करेगा। एक तरफ चीन अपने मुल्क में 10 लाख मुस्लिमों का उत्पीड़न कर रहा है और वही दूसरी तरफ वह हिंसक इस्लामिक आतंकी समूह को यूएन के प्रतिबंधों से बचाता है।”
China has detained more than one million #Uighurs, ethnic #Kazakhs, and other #Muslim minorities in internment camps in #Xinjiang since April 2017. The U.S. stands with them and their family members. China must release all those arbitrarily detained and end its repression.
— Secretary Pompeo (@SecPompeo) March 27, 2019
पोम्पिओ का इशारा चीन द्वारा इस्लामिक चरमपंथी मसूद अज़हर को यूएन के वैश्विक आतंकी सूची में शामिल होने से बचाने के लिए वीटो के इस्तेमाल करने की तरफ था। मसूद अज़हर चीन के सदाबहार दोस्त पाकिस्तान की सरजमीं पर पनाहगार है। जम्मू कश्मीर के पुलवामा में बीते माह सीआरपीएफ इ काफिले पर हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी जैश ए मोहम्मद ने ली थी।
पूछताछ के दौरान पीटा गया
गार्डियन के मुताबिक अमेरिका राजदूत ने मंगलवार को एक उइगर मिहरिगुल तुर्सून से मुलाकात की थी। उस बातचीत को अमेरिका ने सार्वजानिक तौर पर जारी किया था। शिनजियांग में कैदी रही महिला ने बताया कि “उसे उसके बच्चों से जुदा कर दिया गया था और 60 अन्य महिलाओं के साथ नज़रबंद शिविर में कैद कर दिया गया था। वहां बिजली नहीं थी और पूछताछ के दौरान उन्हें बहुत पीटा जाता था।”
राज्य विभाग ने बताया कि माइक पोम्पिओ चीन में कैद तीन लोगों के रिश्तेदारों से भी मिले। माइक पोम्पिओ ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा कि “निश्चित रूप से सैकड़ों से हज़ारो उइगर चीनी कैद में हैं।”
अंतर्राष्ट्रीय दक्षिणपंथी और अमेरिकी राज्य विभाग के मुताबिक “चीन ने उइगर समुदाय से कुरान छीन ली है और उन्हें सूअर का मांस खाने व शराब पीने को मज़बूर करते हैं, जो इस्लाम में पाबंद है।” चीन उइगर समुदाय को शिविरों में नज़रबंद रखने की बात को नकारती रही है। चीन के मुताबिक वह शिनजियांग में इस्लामिक चरमपंथ का अंत करने के अभियान के तहत प्रशिक्षण केन्द्रो को चला रही है।
चीन ने किया पलटवार
चीन ने आज अमेरिका के आरोप का खंडन किया है। चीनी विदेश मंत्रालय नें कहा है कि चीन उइगर मुस्लिमों के लिए प्रशिक्षण शिवर खोल रहा है और इन शिविरों में लोगों को रोजगार दिया जाता है और उन्हें विभिन्न भाषाएँ सिखाई जाती है। चीन का कहना है इससे लोगों को कट्टरता की ओर जाने से रोका जाता है।
चीनी विदेश मंत्रालय के गेंग शुआंग नें कहा कि माइक पोम्पिओ का बयान काफी निंदनीय है और यह चीन के आंतरिक मसलों में हस्तक्षेप है।
चीन ने कहा कि वर्तमान में जिनजियांग में स्थिति बिलकुल ‘सामान्य’ है और सभी वर्गों के लोग एक दुसरे से मिल जुलकर रहते हैं।
उन्होनें आगे कहा कि हम अमेरिका से आग्रह करते हैं कि वे तथ्यों के आधार पर कुछ भी कहें और हर मसले पर चीन पर आरोप गढ़नें से बचें।
संयुक्त राष्ट्र नें पिछले साल एक रिपोर्ट जाहिर की थी जिसके मुताबिक चीन के जिनजियांग क्षेत्र में लगभग 10 लाख उइगर मुस्लिमों को चीन नें बंद शिविरों में कैद कर रखा है।
इस कैद से छुटे लोगों नें कहा है कि उन्हें इस्लाम की मान्यता मानने की वजह से बंदी बनाया जाता है। लोगों नें कहा कि यदि वे दाढ़ी रखते हैं या फिर यदि महिलाएं शरीर को ढकती है, तो उन्हें बंदी बना लिया जाता है।
माइक पोम्पिओ नें कल यहाँ चीन की बेल्ट एंड रोड परियोजना की भी निंदा की और कहा कि इसके जरिये चीन अन्य देशों को कर्ज में डुबो रहा है।