पश्चिम बंगाल में मची राजनीतिक उठापटक के बीच अब पश्चिम बंगाल कॉंग्रेस ने भी ममता बनर्जी का साथ देने का निर्णय कर लिया है।
हालाँकि राष्ट्रीय स्तर पर अभी तक कॉंग्रेस ने खुले तौर पर ममता बनर्जी के धरने का समर्थन नहीं किया है। इसी बीच राहुल गांधी जरूर ममता बनर्जी के समर्थन में सामने आए हैं।
मालूम होना चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट में सारधा चिट फंड मामले की सुनवाई की याचिका कॉंग्रेस के ही वरिष्ठ नेता अब्दुल मन्नान ने दाखिल की थी। इसी याचिका के बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को इस मामले में जाँच का आदेश दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सीधे तौर पर दखल देते हुए मंगलवार को यह आदेश दिया था कि कोलकाता पुलिस कमिश्नर जाँच में सीबीआई का सहयोग करें। एससी के इस आदेश के बाद अब्दुल मन्नान ने ट्वीट करते हुए सवाल पूछा है कि ‘नरेंद्र मोदी अचानक इस मामले में इतने सक्रिय क्यों हो गए हैं?’
मन्नान ने टीएमसी और भाजपा पर एक साथ मिलकर ड्रामा कर जनता को बहकाने का आरोप लगाया है।
इसी के साथ ही मन्नान ने ममता पर निशाना साधते हुए यह भी कहा है कि ‘ऐसा कर ममता अपने आप को सबसे बड़ी भाजपा विरोधी दर्शाना चाह रहीं हैं।’
मन्नान ने टीएमसी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि ‘टीएमसी ने 2014 के बाद कभी भी राज्य में स्वतंत्र चुनाव नहीं होने दिये हैं। इसके पहले राज्य में जब भी स्वतंत्र चुनाव हुए हैं, टीएमसी को हार का सामना करना पड़ा है।’
कॉंग्रेस ने शुरू से ही पोंजी स्कीम घोटालों में टीएमसी को घेरा है। कभी टीएमसी से सांसद रहे सोमेन्द्र नाथ मित्रा फिलहाल राज्य में कॉंग्रेस के प्रमुख है। मित्रा ने ही इन घोटालों के विरुद्ध शुरुआती पहल की थी।
वर्तमान में कॉंग्रेस महागठबंधन का सृजन कर रही है, ऐसे में टीएमसी इस गठबंधन का मुख्य घटक होने के साथ ही बंगाल की सबसे मजबूत पार्टी भी है।
अब आने वाले समय में देखना होगा कि कॉंग्रेस अपने नेता और महागठबंधन के बीच सामंजस्य कैसे स्थापित करती है?