Sat. Apr 20th, 2024
    kamalnath

    भोपाल, 4 जून (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड में स्थित बुंदेल और चंदेल कालीन राजाओं के काल में बनाए गए एक हजार तालाबों को पुर्नजीवित करने की राज्य सरकार ने योजना बनाई है। इस पर अमल भी शुरू किया जा रहा है।

    बुन्देलखंड अंचल में 10वीं से 12वीं शताब्दी के बीच निर्मित किए गए बड़ी तादाद में तालाब नष्ट होने के कगार पर हैं। राज्य सरकार के ग्रामीण विकास विभाग ने विश्व बैंक के साथ मिलकर तीन वर्षीय कार्य-योजना बनाई है। इस दौरान लगभग एक हजार तालाबों को पुनर्जीवित कराया जाएगा। ग्रामीण विकास विभाग की अपर मुख्य सचिव गौरी सिंह इस परियोजना की निगरानी कर रही हैं।

    सरकार की तरफ से जारी बयान के अनुसार, तालाब को पुनर्जीवित करने के मकसद से बुलाई गई बैठक में ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल ने कहा, “बुन्देलखण्ड अंचल के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की गंभीर समस्या के स्थाई समाधान के लिए तालाबों को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया जा रहा है। इसमें जनहित के कार्यो में रुचि रखने वाले स्वयंसेवी संगठनों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी।”

    उन्होंने कहा, “कार्य-योजना के अंतर्गत तालाबों के सर्वेक्षण, कम्यूनिटी मोबीलाइजेशन, डीपीआर तैयार करने जैसे सभी आवश्यक कार्य ऑनलाइन किए जाएंगे।”

    ग्रामीण विकास के सचिव उमाकांत उमराव ने कहा, “इस परियोजना के अंतर्गत सागर संभाग के छह जिले सागर, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, दमोह और निवाड़ी शामिल किए गए हैं। इन जिलों में बड़ी संख्या में बुंदेला-चंदेला कालीन तालाब हैं, जो रख-रखाव के अभाव में जीर्ण-शीर्ण हो रहे हैं। इन तालाबों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ पुनर्जीवित किया जाएगा।”

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *