विषय-सूचि
मंगल ग्रह के बारे में जानकारी (information about mars in hindi)
मंगल ग्रह (mars planet) सौर मंडल का चौथा ग्रह है और दूसरा सबसे छोटा ग्रह है। इसका अंग्रेजी नाम Mars, एक रोमन देवता के नाम के आधार पर रखा गया था।
इसके सतह पर आयरन ऑक्साइड काफी अधिक मात्रा में है जिसके कारण इसका रंग गहरा लाल है, अतः इसे red प्लेनेट के नाम से भी जाना जाता है। यह खुली आँखों से देखा जा सकता है।
इस ग्रह का अपना मैग्नेटिक क्षेत्र नहीं है। यह एक terrestrial ग्रह जिसका वायुमंडल बहुत पतला है। इस ग्रह के दो चन्द्रमा हैं – फोबोस एवं डीमोस।
पृथ्वी के दिन के हिसाब से सूर्य कि परिक्रमा करने में मंगल 687 दिन लगाता है। गैलीलियो ने अपने टेलिस्कोप के द्वारा इस ग्रह कि खोज कि थी।
मंगल ग्रह की भौतिक विशेषताएं (Physical Characteristics of Mars in Hindi)
मंगल के सतह में बहुत ज्यादा अवस्था में आयरन सहित खनिज पाए जाते हैं। सतह पर पाए जाने वाले धूल और पत्थरों में भी आयरन काफी मात्रा में विद्यमान रहता है। आयरन के खनिजों का ऑक्सीकरण (oxidize) हो जाता है जिससे वहां की मिट्टी लाल है।
यहाँ पर ठन्डे एवं पतले वायुमंडल होने के कारण तरल जल यहाँ ज्यादा देर तक स्थिर रह ही नहीं पाता। व्यास में मंगल पृथ्वी का आधा है, लेकिन वहां का भूभाग लगभग पृथ्वी का आधा है। इस ग्रह पर सौर मंडल के कुछ बहुत ऊँचे पहाड़ एवं गहरी घाटियां मौजूद हैं। Olympus Mono नामक पहाड़ 27 किमी लम्बा है। दूसरी तरफ Valles Maarineries नामक एक घाटी है जो 10 किमी तक गहरा है और 4000 किमी तक चौरा है।
इस ग्रह पर सौर मंडल के सबसे विशालतम सक्रिय ज्वालामुखी स्थित हैं जिसका नाम Olympus Mons है। इसका व्यास 600 किमी है। यह एक ढाल के रूप में विराजमान है जो बहते हुए लावा के सुख जाने पर बने होंगे। यहाँ कई अन्य सक्रिय ज्वालामुखी भी हैं। वैज्ञानिक ऐसा मानते हैं कि Valles Marineris का निर्माण क्रस्ट भाग के खिंचाव और फैलाव से हुआ होगा। इस घाटी के अंदर भी कई घाटी मौजूद हैं जोकि 100 किमी तक फैले हुए हैं। इन घाटियों के सतह पर मौजूद गहरे निशानों को देख कर लगता हैं जैसे यहाँ कभी पानी मौजूद रहा होगा।
सूर्य से ज्यादा दूरी होने के कारण मंगल का तापमान पृथ्वी से बहुत कम है। यहाँ का औसतन तापमान माइनस 60॰ सेल्सियस है। वहां के शीतकालीन मौसम के दौरान तापमान माइनस 125॰ सेल्सियस रहता है। यहाँ के वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड गैस प्रधान है एवं पृथ्वी के हिसाब से 100 गुना कम घना है। शीतकालीन मौसम के दौरान कार्बन डाइऑक्साइड गैस जम जाता है।
मंगल ग्रह पर किये गए शोध (Researches About Mars in Hindi)
- वहां के मिट्टी के एवं अन्य नमूनों के अध्ययन के आधार पर वैज्ञानिकों ने यह कहा है कि मंगल का वायुमंडल पहले बहुत घना एवं गाढ़ा था जहाँ जिसके कारण इसके सतह पर पानी के स्रोत थे।
- यहाँ शीतकाल में कार्बन डाइऑक्साइड सहित बर्फीले बादलों का निर्माण होता है।
- मंगल ग्रह पर बहुत भयानक धूल भरी आंधियां चलती हैं जो कई महीनो तक विराजमान रहती हैं। तेज हवा के कारण बहुत अधिक मात्रा में धूल उड़ता हैं जिसके कारण पूरा वातावरण गर्म हो जाता है।
- इस ग्रह के बारे में जानने के लिए नासा ने साल 1960 के दशक से यहां मिशन भेजना शुरू कर दिया था। इससे पता चला कि मंगल एक बंजर ग्रह है। जैसे कि माना जाता था वहां जीवन होने के कोई संकेत नहीं मिले। साल 1971 Mariner 9 मिशन ने मंगल के चक्कर लगाए एवं उसके 80 प्रतिशत भाग का मापीकरण किया। इसने ज्वालामुखियों एवं घाटियों कि भी खोज की।
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क्या मंगल गृह पर कोई भी सजीव वास्तु नहीं पायी गयी और क्या यहाँ पे मनुष्यों के लिए रहना बिलकुल संभव नहीं है?
Possible ho skta h tbhi to kosis ho rhi h aur at present immposible h aur kli sajiv nhi h aj k tim m
Mars par oxygen he nahi hai to jevan bhi possible nahi hai
great, It helped me to make my school project