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    मालदीव द्वीप

    मालदीव के राजनीतिक संकट पर भारत, चीनअमेरिका सहित कई देशों की निगाहें मुख्य रूप से टिकी हुई है। मालदीव सरकार व सुप्रीम कोर्ट के बीच तनाव की वजह से वहां पर संकट उत्पन्न हो गया है। मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने सुप्रीम कोर्ट का आदेश मानने से इंकार करते हुए आपातकाल की घोषणा कर रखी है।

    इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को नौ राजनीतिक कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया था। लेकिन यामीन ने इसे मानने से साफ इंकार करते हुए न्यायाधीश व पूर्व राष्ट्रपति को गिरफ्तार करवा दिया। अब मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने भारत से मालदीव संकट में दखल देने की मांग की है। नशीद ने कहा है कि ऐसे हालात में भारत को मालदीव में दूत और सेना भेजनी चाहिए।

    मालदीव भारत के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण देश है। जिन्हें निम्न बिन्दुओं से समझा जा सकता है।

    1. हिंद महासागर में स्थित देश मालदीव द्वीपसमूह में 1200 कोरल द्वीप शामिल है जो प्रमुख शिपिंग लेन के बगल में स्थित है। ये चीन, जापान व भारत जैसे देशों को ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित करता है।
    2. मालदीव देश पर चीन की बुरी नजर भी पड़ने लगी है। अंतरराष्ट्रीय भू-राजनीति के केंद्र स्थित मालदीव में चीन ने 10 साल पहले ही हिंद महासागर के लिए नौसैनिक जहाजों को भेजना शुरू कर दिया था। इसलिए भारत को यहां पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है।
    3. हिंद महासागर में स्थित होन की वजह से भारत को सुरक्षा और रक्षा क्षेत्रों में मालदीव के साथ सहयोग की जरूरत है।
    4. चीन अपनी रणनीतिक चाल चलते हुए मालदीव में भारी मात्रा में वित्तीय निवेश कर रहा है। इससे भारत व मालदीव के बीच दूरियां आई है। मालदीव के राष्ट्रपति यामीन का झुकाव भी चीन के प्रति अधिक है। चीन की मालदीव में बढती उपस्थिति भारत के लिए चिंता का विषय है।
    5. मालदीव की आम जनता का बड़ा हिस्सा जो मोहम्मद नशीद व उनकी विपक्षी पार्टियों का समर्थन करते है, उनका मानना है कि भारत को यामीन के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
    6. सार्क सदस्य होन की वजह से मालदीव का महत्व भारत के लिए अधिक है। भारत मे उरी हमले के बाद पाकिस्तान में हुए सार्क सम्मेलन में जाने के लिए मालदीव बेहद उत्साहित था। उसने भारत के विरोध को दरकिनार किया था।
    7. यामीन के नेतृत्व मे देश के अंदर कट्टरता को बढ़ावा मिल रहा है। इसका असर भारतीय लोगो पर भी पडने की आशंका है।
    8. भारत और मालदीव जातीय, भाषाई, सांस्कृतिक, धार्मिक और वाणिज्यिक संबंधों को साझा करते है। मालदीव की स्वतंत्रता के बाद भारत ही पहला देश था जिसने इसका समर्थन किया था।
    9. मालदीव मे करीब 25,000 भारतीय नागरिक रहते है। मालदीव के प्रति वर्ष पर्यटकों में 6 प्रतिशत भारतीय ही होते है।
    10. मालदीव के लोगों को भारत शिक्षा, चिकित्सा उपचार, मनोरंजन और व्यापार करने के लिए बेहद उपयुक्त लगता है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक अधिक से अधिक मालदीव की जनता भारत में उच्च शिक्षा / चिकित्सा उपचार के लिए दीर्घकालिक वीजा मांग रहे है।