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    जापान का रहन सहन

    जापान दुनिया का बड़ा व ताकतवर देश माना जाता है। जापान का रहन सहन भी काफी प्रचलित है। जापान तकनीकी क्षेत्र में काफी तरक्की हासिल किए हुए है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जापान की हालात काफी कमजोर थी, लेकिन अगले कुछ सालों में यहाँ के लोगों नें इतनी तरक्की की, कि वह एशिया का सबसे पहला विकसित देश बन गया।

    पुरे विश्व में जापान के लोगों का रहन सहन के बारे में जानने की काफी उत्सुकता है। जापान की संस्कृति, जापान का पहनावा और वेशभूषा और यहाँ के लोग पुरे विश्व में काफी प्रचलित हैं।

    इस लेख के जरिये हम जापान के लोगों के रहन सहन से जुड़े कुछ अहम् विषयों पर चर्चा करेंगे।

    रहन-सहन

    जापान में मुख्य रूप से तीन बड़े शहर टोक्यो, ओसाका और नागोया है। जनसंख्या के हिसाब से सबसे बड़ा क्षेत्र टोक्यो (3.4 करोड़ जनसंख्या), ओसाका क्षेत्र (1.8 करोड़) और नागोया क्षेत्र (1.1 करोड़) है। ये जनसंख्या जापान की कुल आबादी की आधी मानी जाती है। जापानी लोगों को इन क्षेत्रों में घर मिलना काफी मुश्किल होता है।

    अगर हम इन शहरों के मध्य भाग के पास रहने की उम्मीद करते है, तो हमे घर खरीदने के लिए बड़ी मात्रा में धन की आवश्यकता होगी। जापान में घर खरीदना है तो इन शहरों से दूर ही खरीदा जा सकता है। जापान एक ऐसा देश है जहां पर रहने के लिए जगह बेहद कम है। एक बार पाश्चात्य ने कहा था कि यह देश खरगोश की तरह है।

    जापान टोक्यो घर

    जापान की राजधानी टोक्यो में यदि आपको होटल चाहिए, तो सिर्फ एक बेड जितनी जगह के लिए आपको भारी राशी खर्च करनी होगी।

    जापान के इन शहरी क्षेत्रों में आसानी से एक “हवेली” रहने के लिए मिल सकती है। हवेली से तात्पर्य शानदार घर से नहीं है अपितु अन्य लोगों के साथ मिलकर रहने वाली जगह से है। सामान्यतः यहां पर रसोई घर के साथ डाइनिंग रूम व दो से तीन अन्य कमरे होते है। अगर कोई बड़े वर्ग से ताल्लुक रखता है तो यहां 4 कमरे हो सकते है।

    जापान में संयुक्त परिवार बेहद कम है। यहां पर एकल परिवार के घर ही देखने को मिलते है। घर में कमरों की संख्या बड़ी नहीं है। जापान एक संकीर्ण भूमि की तरह माना जाता है।

    कामकाज और संस्कृति

    दुनिया में माना जाता है कि जापानी लोग काफी मेहनती होते है। जापान की संस्कृति उनके कामकाजी रवैये से पहचानी जाती है। जापान के लोग सामान्य तौर पर ओवरटाइम और छुट्टी में भी काम करते है। जापानी लोगों की सोच है कि कड़ी मेहनत करना सदाचार और जीवन में प्रशिक्षण के समान है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से ही जापानी लोगों ने काफी मेहनत की है।

    जापान नौकरी

    जापान ने 1960 के दशक में तेजी से वृद्धि हासिल की थी। जापान के लोग खुद को मध्यम वर्गीय मानते है। जापान के बारे में यह कहा जाता है कि यहाँ लोग घर से ज्यादा ऑफिस में समय व्यतीत करते हैं। कुछ लोग तो घर से बाहर इतने समय तक रहते हैं, कि उनके निजी रिश्तों में भी कड़वाहट आ जाती है।

    जापानी खानपान

    सामान्य तौर पर जापानी लोग दिन में तीन बार भोजन करते है। लेकिन इनके खाने का समय बेहद कम होता है, क्योंकि ये ज्यादातर समय अपने काम को देते है। ज्यादातर लोग नाश्ते के लिए सुबह बेहद कम खाना खाते है क्योंकि उन्हें काम पर जाना होता है।

    आम तौर पर दोपहर का भोजन 12 बजे शुरू होता है जो घंटेभर का रहता है। रात का भोजन भी एक घंटे के भीतर भी समाप्त हो जाता है। अधिकतर जापानी तेजी से खाने के लिए जाने जाते है। जापानी लोग खाने के लिए चीनी कांटा का इस्तेमाल करते है। जापानी खाना आम-तौर पर हल्का होता है।

    अवकाश

    जापान में लोगों को अवकाश मिलने की संभावना 3 बार रहती है। पहला, साल के अंत व नववर्ष के मौके पर इन्हें छुट्टियां मिलती है। दूसरा, अप्रैल के अंत से लेकर मई के शुरू तक इन्हें गोल्डन हफ्ते की छुट्टियां मिलती है। इसमें कुछ राष्ट्रीय अवकाश भी शामिल है। तीसरा, गर्मी की छुट्टियां जो अगस्त माह में आती है।

    छुट्टियों के दौरान कई जापानी कुछ समय के लिए अपने घर को लौट जाते है। जापान में कई कंपनियों ने 1980 के दशक से पांच दिवसीय कार्य प्रणाली को लागू किया है। इससे पहले लोग शनिवार को भी काम करते थे। अब हालाँकि सरकार नें इस नियम में ढील दे दी है।

    जापानी शिक्षा

    जापानी लोग काफी शिक्षित माने जाते है। आंकड़ों की मानें तो लगभग 100 फीसदी लोग कभी ना कभी स्कूल गए हैं। प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षा निःशुल्क रहती है। वहीं उच्च विद्यालयों व विश्वविद्यालयों में छात्रों को पढ़ाई के लिए पैसे दिए जाते हैं। जापानी बच्चों को प्राथमिक विद्यालयों मे कोई गृहकार्य नहीं दिया जाता है, जबकि माध्यमिक और उच्च विद्यालय में छात्रों को निबंध व अन्य असाइनमेंट दिए जाते है।

    जापानी स्कूलों में सफाई करने के लिए किसी बाहरी व्यक्ति को नौकरी पर नहीं रखा जाता है। स्कूल के सभी काम बच्चे ही किया करते हैं।

    जापानी स्कूल बच्चे

    विद्यालय मे कई छात्र थकावट की वजह से कक्षा मे ही सो जाया करते है। शिक्षक भी उन्हें ऐसा करने से मना नहीं करते है क्योंकि वो छात्र के ऊपर पढ़ रहे दबाव को अच्छी तरह से समझते है।

    चाय के प्रति प्यार

    जापान के लोगों की एक सबसे बड़ी विशेषता यह है कि वे चाय के लिए समय निकालना नहीं भूलते हैं। जापान के व्यस्त रहन सहन में भी चाय एक ऐसी चीज है, जो लोगों को एक साथ लाती है। संयुक्त परिवार के लोग साथ मिलकर चाय का आनंद लेते हैं।

    जापान में हरी चाय
    हरी चाय

    चाय का सेवन करने के मामले में जापान विश्व के 10 सबसे बड़े देशों में शामिल है। जापान में ज्यादातर लोग ग्रीन टी का सेवन करते हैं। ग्रीन टी को जापानी लोगों की लम्बी आयु के लिए काफी फायदेमंद कहा जाता है।

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