Fri. Mar 29th, 2024

    हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन फेज-3 के क्लिनिकल ट्रायल में 77.8% असरदार साबित हुई है। कंपनी ने पिछले हफ्ते ही ट्रायल का डेटा ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) को सौंपा था। जिस पर मंगलवार को सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (एसईसी) की अहम मीटिंग हुई। इसमें वैक्सीन के फेज 3 के ट्रायल के डेटा को मंजूरी दे दी गई।

    25,800 लोगों पर फेज-3 का ट्रायल किया गया था। इसमें ये देखा गया कि कोरोना के खिलाफ यह वैक्सीन कितना बचाव करती है। एसईसी की मंजूरी के बाद इस डेटा को अब वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्लूएचओ) में भी सब्मिट किया जा सकेगा। कोवैक्सिन को भारत बायोटेक ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के साथ मिलकर डेवलप किया है। सूत्रों के मुताबिक, कोवैक्सिन को आज ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से मंजूरी मिल सकती है।

    भारत में अभी कोरोना के खिलाफ तीन वैक्सीनों का इस्तेमाल हो रहा है। भारत बायोटेक की कोवैक्सीन भी इनमें से एक है। यह देश में बनी वैक्सीन है। दूसरी वैक्सीन कोविशील्ड लगाई जा रही है। इसको आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और एस्ट्राजेनेका ने बनाया है। स्थानीय स्तर पर इसका उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया कर रहा है। इसके अलावा रूस की स्पुतनिक-वी वैक्सीन भी लगाई जा रही है। भारत बायोटेक ने इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च के साथ मिलकर कोवैक्सीन बनाई है। यह भारत में बनी पहली स्वदेशी वैक्सीन है।

    मार्च में जारी किया था प्रारंभिक रिजल्ट

    इससे पहले मार्च में भारत बायोटेक ने फेज-3 ट्रायल के अंतरिम रिजल्ट जारी किए थे। प्रारंभिक आंकड़ों के हवाले से बताया गया था कि कोवैक्सिन कोरोना संक्रमण से बचाने में 81% तक कारगर है। वहीं, वैक्सीन संक्रमण के बाद गंभीर बीमारियों या हॉस्पिटल में भर्ती होने से 100% बचाव करती है।

    जुलाई से सितंबर के बीच कोवैक्सीन को डब्ल्यूएचओ से मिल सकती है मंजूरी

    माना जा रहा है कि कोवैक्सिन को जुलाई से सितंबर के बीच डब्ल्यूएचओ से आपातकालीन प्रयोग की मंजूरी मिल सकती है। कंपनी ने बताया कि 60 देशों में कोवैक्सिन के लिए रेगुलेटरी अप्रूवल्स की प्रॉसेस चल रहा है। इनमें कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित अमेरिका और ब्राजील भी शामिल हैं। अप्रूवल के लिए डब्ल्यूएचओ -जिनेवा में भी एप्लीकेशन दे दिया गया है।

    By आदित्य सिंह

    दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास का छात्र। खासतौर पर इतिहास, साहित्य और राजनीति में रुचि।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *