चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को कम करने के लिए रचनात्मक किरदार निभाएंगे। पुलवामा आतंकी हमले के बाद दोनों राष्ट्र जंग की स्थिति में आ गए थे। इस मामले से सम्बंधित पांच सूत्रों ने बताया कि “मामला नियंत्रण से बाहर हो रहा था और सिर्फ अमेरिकी अधिकारियो के हस्तक्षेप से ही संभल पाया था। एक वक्त पर भारत पाकिस्तान पर छह मिसाइल दागने वाला था और पाकिस्तान इसकी प्रतिक्रिया तीन गुना अधिक मिसाइल हमले से देता।”
रायटर्स के मुताबिक एक पाकिस्तानी मंत्री ने कहा कि “चीन और संयुक्त अरब अमीरात ने दक्षिण एशिया के दो पड़ोसियों के बीच तनाव को कम करने में अहम भूमिका निभायी है।” चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच शांतिपूर्व मौजूदगी ही सबके हित में हैं। भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों के कारण चीन सक्रियता से शान्ति का प्रसार करता है। कई अन्य देशों ने भी सकारात्मक प्रयास किये थे।”
चीन अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ कार्य करने के इच्छुक है ताकि पड़ोसियों को एक-दूसरे से मुलाकात के लिए प्रोत्साहित किया जा सके और मतभेदों का समाधान करने के लिए वार्ता और शान्ति का इस्तेमाल किया जा सके।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी 17 से 20 मार्च तक चीन की यात्रा पर पहली पाकिस्तानी-चीनी विदेश मंत्रियों की रणनीतिक वार्ता के लिए जायेंगे। चीन ने सोमवार को कहा कि “भारत और पाकिस्तान सम्बन्ध के बीच तनावों के बाबत जानकारी पहली रणनीतिक वार्ता में ली जाएगी।” पाक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और उनके चीनी समकक्षी वांग यी की मंगलवार को मुलाकात होगी।
चीनी प्रवक्ता ने भारत और पाकिस्तान के बीच बीते सप्ताह हुई करतारपुर गलियारे की बैठक का स्वागत किया और कहा कि “हम इस बातचीत का इस्तकबाल करते हैं और उम्मीद है कि दोनों पक्षों के तनाव को कम करेगा और क्षेत्रीय हालातों को सुधरेगा। भारत और पाक पड़ोसी है और हमेशा एक-दूसरे के साथ रहे हैं। दोनों देशों के बीच मधुर सम्बन्ध उनके हित को साधेंगे और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की सामान्य आकांक्षाओं पर खरे उतरेंगे।”
पुलवामा में हुए आतंकी हमले की विश्वभर में निंदा की गयी थी। कश्मीर के पुलवामा जिले में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 से अधिक जवान शहीद हो गए थे। जिसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान की सरजमीं पर आसरा लिए जैश ए मोहम्मद ने ली थी।