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    भारत पाकिस्तान सेना

    भारत और पाकिस्तान के आपसी संबंध कुछ अच्छे नहीं हैं। दोनों देशों के बीच अविश्वास कोई नयी बात नहीं हैं। फिर भी दोनों देश, इस वर्ष सितंबर में रशिया में बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में शिरकत करेंगे। यह अभ्यास बढ़ते आतंकवाद को काबू में करने की तैयारी हेतु किया जाएगा।

    इस बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में शंघाई सहयोग संघटन के सभी सदस्य देशों के सेनाएं हिस्सा लेंगी। भारत और पाकिस्तान को पिछले साल में संघटन का पूर्ण सदस्य बनाया गया हैं। भारत और पाकिस्तान पहले निरीक्षक के रूप में हिस्सा लिया करते थें।

    इस बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास को अमेरिका के नेतृत्व वाली नाटो देशों के समकक्ष बताया जा रहा हैं। आजादी के बाद पहली बार भारत पाकिस्तान की सेनाएं साझा सैन्य अभ्यास के लिए आमने सामने होंगी। आपको बता दे इससे पहले भारत और पाकिस्तान के सैनिक मिलजुल कर काम कर चुके हैं, मगर वह संयुक्त राष्ट्र के झंडे तले पीस कीपिंग मिशन में थे।

    पिछले सप्ताह, शंघाई सहयोग संघटन की रक्षा मंत्री स्तरीय बैठक में हिस्सा लेने चीन के दौरे पर गयी रक्षा मंत्री निर्मला सीतारामन ने भारतीय सहभागिता की पुष्टि की। इस साझा अभ्यास के बाद भारत-चीन सैन्य अभ्यास फिर से शरू किये जाने की आशंका हैं, पिछले साल 73 दिनों तक चले डोकलाम विवाद के बाद दोनों देशों के बीच खटास आ गयी थी।

    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हई अनौपचारिक वार्ता में दोनों देशों की सेनाओं के बीच संपर्क और विश्वसनीयता बढ़ाने की बात हुई थी, उसपर दोनों ने सहमती जताई थी।

    आतंकवाद विरोधी यह शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों का बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास, रशिया के उरल पर्वतों में होगा। इस साझा अभ्यास पर पूरी की निगाके टिकी हुई हैं, खास तौर अमेरिका और नाटो दशों को क्योंकि यूरोप के बाहर इतने देशों का बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास पहली बार हो रहा हैं।

    भारत और शंघाई सहयोग संघटन

    2001 में स्थापित इस संघटन में, भारत 2005 में रशिया के आमंत्रण पर निरिक्षक के तौर पर जुड़ा। वही चीन ने पाकिस्तान को निरीक्षक के रूप में आमंत्रित किया।

    भारत की पूर्ण सदस्यता को रशिया द्वारा समर्थन हासिल था और पाकिस्तान की सस्यता के किये चीन कोशिशें कर रहा था। 2017 में दोनों देशों को संघटन का पूर्ण सदस्य बना दिया गया।

    भारत-पाकिस्तान और एससीओ

    भारत पकिस्तान की सेनाएं इस अभ्यास के दौरान आमने सामने होंगी।

    पाकिस्तान लाइन ऑफ़ कंट्रोल पर कई बार सीजफायर का उल्लंघन कर चुका हैं। इसके चलते भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध कुछ अच्छे नहीं हैं। 21 अप्रैल तक पाकिस्तान 650 बार सीजफायर का उल्लंघन कर चुका हैं और इसके 16 सुरक्षाकर्मी घायल हो चुके हैं।

    जब दोनों देशों की सेना और उनके आला अधिकारी जब आमने सामने होंगे तब क्या परिस्थियाँ होंगी, यह बताया नही जा सकता।

    दोनों देशों का आंतंकवाद विरोधी अभ्यास में हिस्सा लेना एक सकारात्मक कदम हैं।

    By प्रशांत पंद्री

    प्रशांत, पुणे विश्वविद्यालय में बीबीए(कंप्यूटर एप्लीकेशन्स) के तृतीय वर्ष के छात्र हैं। वे अन्तर्राष्ट्रीय राजनीती, रक्षा और प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज में रूचि रखते हैं।

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