Wed. Apr 17th, 2024
    सौर और पवन ऊर्जा क्षमता लक्ष्य

    रेटिंग एजेंसी मूडी के अनुसार इस उभरते बाजार में ये देखना होगा कि विकसित देशों ने किस तरह सौर्य ऊर्जा व वायु ऊर्जा को स्थापित किया है।

    पिछले एक दशक से वर्ष 2016 तक सौर ऊर्जा उत्पादन में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि इसी के साथ वायु ऊर्जा में 22 प्रतिशत की वृद्धि सामने आयी है।

    विकसित अर्थव्यव्थाओं ने इसमें सबसे ज्यादा योगदान दिया है। वहीं विकाशशील देशों से भी इसे लेकर अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं। अगर हम चीन और भारत की बात करें तो चीन इस मामले में पहले नंबर पर है, जबकि भारत विकासशील देश होते हुए भी तीसरे नंबर पर है।

    मूड़ी की हाल ही में आई एक रिपोर्ट के संपादक स्वामी वेंकटरमन ने कहा है कि नवीनीकरण ऊर्जा श्रोतों के मामले में भारत और चीन मिलकर पूरे विश्व का नेतृत्व कर रहे हैं।

    उन्होने कहा कि इस तरह के श्रोतों से प्राप्त ऊर्जा का मूल्य अब पहले की तुलना में बेहद कम है।

    हालाँकि अभी कुछ समय पहले ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पेरिस जलवायु समझौते से अपने हाथ खीच लिए थे, बावजूद उसके विश्व में सौर ऊर्जा व वायु ऊर्जा की स्थापना में बेहद संतोषजनक काम हो रहा है।

    पिछले वर्ष ही चीन ने करीब 50 गीगावॉट का सोलर संयंत्र स्थापित किया था। चीन द्वारा यह निवेश न्यूक्लियर पावर में किए गए निवेश से भी ज्यादा था। इसे हम ऐसे समझ सकत हैं कि जितना जर्मनी व फ्रांस का सौर ऊर्जा में कुल निवेश हैं, चीन द्वारा किया गया निवेश उससे भी ज्यादा है।

    विश्व की सबसे तेजी से आगे बढ्ने वाली अर्थव्यवस्था भारत ने भी करीब 9.5 गीगावॉट का सोलर संयंत्र स्थापित किया है। भारत 2018 के आखिरी तक कुल 28 गीगावॉट का संयंत्र लगाने पर विचार कर रहा है। भारत के द्वारा पिछले तीन सालों के कुल निवेश का यह करीब 6 गुना होगा।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *