Sun. Nov 10th, 2024
    भारत की G20 अध्यक्षता पूरे देश की है, और यह देश की ताकत दिखाने का एक अनूठा अवसर है: पीएम मोदी

    प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की G20 अध्यक्षता से संबंधित पहलुओं पर चर्चा करने के लिए शुक्रवार को राज्यों के राज्यपाल और मुख्यमंत्री और केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल के साथ एक वीडियो बैठक की अध्यक्षता की। प्रधानमंत्री ने अपनी टिप्पणी में कहा कि भारत की G20 अध्यक्षता पूरे देश की है, और यह देश की ताकत दिखाने का एक अनूठा अवसर है।

     

    उन्होंने ने टीमवर्क के महत्व पर जोर दिया और विभिन्न G20 के आयोजन में राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों से सहयोग मांगा। उन्होंने बताया कि G20 प्रेसीडेंसी पारंपरिक बड़े महानगरों से परे भारत के छोटे हिस्सों को प्रदर्शित करने में मदद करेगी, इस प्रकार हमारे देश के प्रत्येक हिस्से की विशिष्टता को सामने लाएगी।

    भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान बड़ी संख्या में भारत आने वाले आगंतुकों और विभिन्न आयोजनों पर अंतर्राष्ट्रीय मीडिया के फोकस पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के इस अवसर का उपयोग करके खुद को आकर्षक व्यवसाय, निवेश और पर्यटन स्थलों के रूप में पुन: प्रस्तुत करने के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने संपूर्ण-सरकार और संपूर्ण-समाज दृष्टिकोण द्वारा G20 आयोजनों में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने की आवश्यकता को भी दोहराया।

    कई राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों और उपराज्यपालों ने बैठक के दौरान अपने विचार साझा किए, राज्यों द्वारा G20 बैठकों की उपयुक्त मेजबानी के लिए की जा रही तैयारियों पर जोर दिया। बैठक को विदेश मंत्री ने भी संबोधित किया और भारत के G20 शेरपा अमिताभ कान्त ने एक प्रस्तुति दी।

    क्या है G20, आइये समझते हैं

    G20 का गठन 1999 में 1990 के दशक के उत्तरार्ध के वित्तीय संकट की पृष्ठभूमि में किया गया था, जिसने विशेष रूप से पूर्वी एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया को प्रभावित किया था।

    इसका उद्देश्य मध्यम आय वाले देशों को शामिल करके वैश्विक वित्तीय स्थिरता को सुरक्षित करना है। G20 देशों में दुनिया की 60% आबादी, वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 80% और वैश्विक व्यापार का 75% शामिल है।

    G20 के सदस्य देश हैं- अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *