इस लोक सभा चुनाव के लिए भाजपा ने अपना चुनावी एजेंडा ढूंढ लिया है-‘दलित’। शुक्रवार दोपहर को शुरू होने वाली उनकी दो दिवसीय राष्ट्रीय परिषद की बैठक में मुख्य आक्रषण होगा कि कैसे दलितों को और पिछड़े वर्ग के लोगों सामाजिक न्याय दिलवाया जाये।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह इस बैठक का उद्घाटन करेंगे और ये अब तक की सबसे बड़ी राष्ट्रिय परिषद की बैठक होगी जिसमे 12,000 सदस्यों की भागीदारी करने की उम्मीद है। शनिवार वाले दिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समापन भाषण देंगे जिसमे वे आम चुनाव का एजेंडा भी लोगो के सामने रखेंगे।
सूत्रों का कहना है कि परिषद तीन प्रस्ताव पारित कर सकती है जिसमे सरकार की आर्थिक से लेकर सामाजिक न्याय जैसी उपलब्धियों का ज़िक्र होगा। वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने इस मामले में चुप्पी साधे रखी कि क्या राम मंदिर का मुद्दा इस बैठक में जगह बना पाएगा या नहीं मगर कुछ प्रतिनिधियों का कहना है कि पार्टी ये मुद्दा उठा सकती है क्योंकि कई हिंदूवादी संगठन जैसे आरएसएस, अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए कानून की मांग कर रही है।
इस बैठक के लिए देश भर के सभी निर्वाचित सदस्यों को आमंत्रित किया गया है। बैठक के एजेंडा पर विचार-विमर्श करने के लिए, भाजपा के महासचिव की बैठक जिसका नेतृत्व अमित शाह ने किया था, आयोजित की गयी थी।
केंद्र सरकार द्वारा सवर्ण जाति के आर्थिक रूप से कमज़ोर लोगों के लिए शिक्षा और नौकरी के क्षेत्रो में 10% आरक्षण लाने वाले बिल को संसद की मंजूरी मिल गयी है और इसलिए इन दिनों भगवा पार्टी का आत्मविश्वास सातो आस्मां पर है। पार्टी को ऐसा यकीन है कि राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद, सवर्ण जाति खासतौर पर जाट, पाटीदार और मराठा जैसे समुदाय का भरोसा उनपर बढ़ जाएगा जो उन्हें आगामी चुनावो में जीत दिलवा सकता है।
सूत्रों के मुताबिक, “मोदी सरकार ने समाज के हर वर्ग को सशक्त बनाया है। पार्टी स्वाभाविक रूप से इस बारे में बात करेगी।”
ऐसी उम्मीद है कि पार्टी इस बैठक में कांग्रेस को भी उनके ऊपर लगाए गए इल्ज़ामो को निशाना बनाते हुए घेरेगी। वे राफेल पर और सुप्रीम कोर्ट द्वारा उन्हें क्लीन चिट मिलने पर कांग्रेस को सुनाएगी। और साथ में किसानों के लिए उठाये गए कदम और गरीबों के कल्याण और आर्थिक विकास के ऊपर भी चर्चा करेगी।
शाह ने कई बार कहा है कि भाजपा इन चुनावो में 2014 के चुनावो से भी ज्यादा सीट जीतेगी जहाँ उन्होंने 543 लोक सभा सीट में से 282 जीती थी। जबकि विपक्ष का कहना है कि पार्टी कई राज्यों में कांग्रेस से मार खा रही है और उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा का गठबंधन उन्हें हरा सकता है।