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    बीजेपी

    भाजपा ने राजस्थान विधानसभा चुनावों के लिए 131 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट में 25 नए चेहरों को टिकट दिया गया है जबकि एक मंत्री का टिकट काट दिया गया है।

    मंत्री सुरेंद्र गोयल का टिकट काट दिया गया है जबकि वरिष्ठ नेता देवी सिंह भाटी की पुत्रवधु पूनम कंवर को टिकट दिया गया है। बारमेर-जैसलमेर से सांसद क.सोनाराम को बारमेर सीट से टिकट दिया गया है। बारमेर सीट से पूर्व भाजपा विधायक मानवेन्द्र सिंह के कांग्रेस ज्वाइन कर लेने पर सोनाराम को उस सीट से उतारा गया है।

    शेखावाटी क्षेत्र जहाँ पार्टी की स्थिति कमजोर है वहां पार्टी ने कुछ नए चेहरों पर दांव लगाया है।

    दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने बताया कि 131 उम्मीदवारों की लिस्ट में 12 महिला, 32 युवा, 17 एससी और 19 एसटी उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है। इस लिस्ट में 85 वर्तमान विधायकों का टिकट बरकरार रखा गया है जबकि 25 नए चेहरों को मौका दिया गया है।

    उन्होंने ने बताया कि लिस्ट में समाज के सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व दिया गया है। शेष 69 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा जल्द ही की जायेगी।

    मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को उनके क्षेत्र झालर पाटन से उम्मीदवार बनाया गया है। मंत्रियों में गुलाब चंद कटारिया, राजेंद्र राठौर, अरुण चतुर्वेदी, श्रीचंद कृपालिनी, किरण माहेश्वरी, वासुदेव देवनानी, अनीता भदेल और प्रभुलाल सैनी की उम्मीदवारी बरकरार रखी गई है जबकि वरिष्ठ मंत्री कालीचरण सराफ का नाम पहली लिस्ट में नहीं है।

    नामांकन की प्रक्रिया 12 नवम्बर से शुरू होकर 19 नवम्बर तक चलेगी जबकि वोट 7 दिसंबर को डाले जाएंगे।

    राजस्थान के चुनाव प्रभारी प्रकाश जावेड़कर के आवास पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बीच कई दौर की मीटिंग के बाद पहली लिस्ट को तैयार किया गया। रविवार को संसदीय बोर्ड की मीटिंग में प्रधानमंत्री मोदी और काई सीनियर नेताओं की मौजूदगी में पहली लिस्ट को मंजूरी दी गई। इस इस सिलसिले में वसुंधरा दो दिनों से दिल्ली में ही जमी हुई थीं।

    राजस्थान के साथ साथ होने वाले मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ 2019 लोकसभा चुनावों का सेमी फाइनल माना जा रहा है। कई ओपिनियन पोल में  राजस्थान में कांग्रेस की जीत के दावे किये।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

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