Fri. Apr 19th, 2024
    बैंक हड़ताल

    आज पूरे देश में बैंकिंग सेवाओं के प्रभावित होने की आशंका है क्योंकि लगभग 10 लाख कर्मचारी आज हड़ताल पर रहेंगे। यह शुक्रवार को शुरू हुई थी एवं इसके बाद तीन दिनों का अवकाश हो गया था जिसके कारण बैंक पिछले चार दिनों से बंद है। लेकिन आज भी बैंकों के खुलने के आसार नहीं हैं क्योंकि हड़ताल अभी भी जारी है।

    UFBU ने करवाई है हड़ताल :

    यूनाइटेड फोरम ऑफ़ बैंक यूनियन के द्वारा इस हड़ताल को बुलाया गया है। इस यूनियन ने कुल 21 विभिन्न सार्वजनिक बैंकों के लगभग 10 लाख सदस्य होने का दावा किया है। यूनाइटेड फोरम ऑफ़ बैंक यूनियन कुल नौ बैंक यूनियनों का संगठन है। इसमें ऑल इंडिया बैंक आफिसर्स कनफेडरेशन (AIBOC), आल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन (AIBEA), नेशनल कनफेडरेशन आफ बैंक एम्प्लायज (NCBE) और नेशनल आर्गेनाइजेशन आफ बैंक वर्कर्स (NOBW) आदि यूनियनें शामिल हैं।

    ऐसे में इस हड़ताल से आम लोगों को काफी परेशानी का सामना कर पड़ सकता है. बता दें कि 21 से 23 दिसंबर को भी बैंकों ने हड़ताल की थी, उसके बाद 24 दिसंबर को बैंक खुले थे. फिर 25 और 26 को छुट्टी के कारण बैंक बंद रहे थे.

    क्यों हो रही है हड़ताल ?

    शुक्रवार से चली आ रही इस हड़ताल का मुख्य कारण विजया बैंक और देना बैंक के बैंक आफ बड़ौदा में प्रस्तावित विलय होना बताया जा रहा है।

    एनओबीडब्ल्यू के उपाध्यक्ष अश्वनी राणा ने मंगलवार को अपने बयान में कहा, “यूएफबीयू के बैनर तले 21 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, पुरानी पीढ़ी के निजी बैंकों और विदेशी बैंकों के 10 लाख बैंक कर्मचारी और अधिकारी दिसंबर 26 को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय और बैंक कर्मचारियों के वेतन संशोधन के खिलाफ एक दिन की हड़ताल में शामिल होंगे।

    उन्होंने यह भी कहा की बैंक के कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी 1 नवम्बर 2017 से बाकी है। यूनाइटेड फोरम ऑफ़ बैंक यूनियन ने वेतन में कुल 25 प्रतिशत बढ़ोतरी की मांग की थी। इसे 11 महीने से ज्यादा समय हो गया है। अभी तक इंडियन बैंक एसोसिएशन ने वेतन में केवल 8 प्रतिशत बढ़ोतरी देने की बात की है जोकि यूनाइटेड फोरम ऑफ़ बैंक यूनियन को स्वीकार नहीं है।

    विलयन के बारे में जानकारी :

    बैंक विलयन

    यूनियनों ने दावा किया कि सरकार विलय के जरिये बैंकों का आकार बढ़ाना चाहती है लेकिन आकर बढाने से कोई फायदा नहीं है। यदि इस देश के सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को भी मिलाकर एक कर दिया जाए तो भी इसे दुनिया  के शीर्ष दस बैंकों में स्थान नहीं मिलेगा। सरकार ने सितंबर में सार्वजनिक क्षेत्र के विजया बैंक और देना बैंक का बैंक आफ बड़ौदा में विलय करने की घोषणा की थी।

    By विकास सिंह

    विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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