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जम्मू एवं कश्मीर प्रशासन द्वारा कैलेंडर वर्ष 2020 के लिए सार्वजनिक छुट्टियों की सूची जारी की गई है। छुट्टियों की सूची में कुछ दिलचस्प बदलाव किए गए हैं, जिसमें 26 अक्टूबर को कश्मीर के भारत में विलय दिवस के तौर पर एक छुट्टी दी गई है। वहीं शेख अब्दुल्ला की जयंती पर कोई छुट्टी नहीं दी गई है।

सामान्य प्रशासन विभाग के उप सचिव जी. एल. शर्मा द्वारा शुक्रवार की रात जारी एक अधिसूचना में 13 जुलाई को मनाया जाने वाला शहीद दिवस भी सार्वजनिक अवकाशों की सूची में शामिल नहीं है।

अधिसूचना के अनुसार, अगले साल जम्मू एवं कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश में कुल 24 सार्वजनिक अवकाश मनाए जाएंगे।

इसमें दो प्रमुख बदलाव शामिल हैं। 13 जुलाई को मनाया जाने वाला शहीद दिवस और पांच दिसंबर को मनाई जाने वाली जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री शेख अब्दुल्ला की जयंती को वर्ष 2020 की छुट्टियों की सूची से हटा दिया गया है।

इसके बजाए 26 अक्टूबर को भारत में विलय दिवस के तौर पर सार्वजनिक अवकाश की सूची में शामिल किया गया है।

26 अक्टूबर का दिन काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि 26 अक्टूबर 1947 को महाराजा हरि सिंह ने भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड माउंटबेटन द्वारा भेजे गए इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेसन (अधिमिलन पत्र) को स्वीकार किया था और इस पर हस्ताक्षर किए थे। आसान शब्दों में कहें तो यह पत्र वो नियम और शर्ते थीं, जिनके आधार पर रियासतें किसी देश में शामिल होती थीं।

डोगरा शासक महाराजा हरि सिंह के शासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान 13 जुलाई 1931 को उनके सैनिकों द्वारा गोलीबारी में मारे गए लोगों की याद में इस दिन जम्मू-कश्मीर में शहीद दिवस मनाया जाता है।

जम्मू एवं कश्मीर के केंद्रशासित प्रदेश बनने के बाद सार्वजनिक छुट्टियों में बदलाव किया गया है।

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