दो दिन पहले कंगना रनौत और राजकुमार राव अभिनीत फिल्म “मेंटल है क्या” का पोस्टर और रिलीज़ डेट सामने आई थी। जहाँ एक तरफ दर्शक फिल्म देखने के लिए उत्साहित है, वही भारतीय मनोरोग सोसाइटी ने मेकर्स को शीर्षक बदलने के लिए कहा है क्योंकि ये यह मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों का सामना कर रहे लोगों के प्रति भेदभाव और निन्दित है।
मिरर नाउ की खबर के अनुसार, भारतीय मनोरोग सोसाइटी ने सीबीएफसी के प्रमुख प्रसून जोशी को भी मामले पर एक चिट्ठी लिखी है। संगठन का कहना है कि फिल्म मानसिक स्वास्थय की दिक्कतों से जूझ रहे लोगों पर अपमानजनक टिप्पणी है जिससे उनकी भावनाओं को ठेस पहुँच सकती है।
सदस्यों को केवल शीर्षक का ही नहीं बल्कि फिल्म के कंटेंट का भी भय है। खबर में आगे खुलासा हुआ है कि मेकर्स और सीबीएफसी को लिखी चिट्ठी में, सोसाइटी ने अनुरोध भी किया है अगर फिल्म में जरा भी ऐसा कुछ जिक्र है जिससे मानसिक स्वास्थय पीड़ितों को बुरा लगे, उसे फिल्म से हटा दिया जाये।
वैसे अगर देखा जाये तो, उनकी बात भी गलत नहीं है। ऐसा कंटेंट या शीर्षक रखने का क्या फायदा कि जिन दर्शको के लिए फिल्म बनाई जा रही है, वह ही इससे खफा हो जाये और अपमानित महसूस करने लगे। पिछले साल, संजय लीला भंसाली निर्देशित फिल्म ‘पद्मावत’ के साथ भी ऐसा हुआ था। दीपिका पादुकोण, शाहिद कपूर और रणवीर सिंह अभिनीत फिल्म का नाम पहले ‘पद्मावती’ था लेकिन जनता के आक्रोश के चलते नाम बदल दिया गया।
अब “मेंटल है क्या” के मेकर्स की इसपर क्या प्रतिक्रिया होगी ये तो वक़्त आने पर ही पता लगेगा। प्रकाश कोवेलामुडी द्वारा निर्देशित फिल्म 21 जून को रिलीज़ हो रही है।