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    हरमनप्रीत कौर

    क्रिकेटर हार्दिक पांड्या और केएल राहुल के बीच विवादों ने मरने से इंकार कर दिया, क्योंकि टीम प्रबंधन अब बड़े सवालों का जवाब चाहता है। पेनेल्टी जो भी हो, उसे लेने के बाद, क्या यह दो खिलाड़ी विश्वकप 2019 चयन में होंगे?

    भारतीय टीम अभी उस टीम की तलाश कर रही है जो मई में इंग्लैंड में होने वाले विश्वकप में दिखाई देगी। और पांड्या उस टीम के लिए एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी होंगे क्योकि वह टीम के लिए अभी तक अपने ऑलराउंड प्रदर्शन से सबको प्रभावित करते आए है।

    हालांकि इनके विवाद खत्म नही हो रहे। प्रशासको की समीति की गड़बड़ी के बाद अब तक इन दोनो खिलाड़ियो की सजा पर कोई फैसला नही लिया गया है और उनको इस वक्त देश वापस बुलाया गया है। अभी भी इन दोनो खिलाड़ियो की सजा का एलान नही हुआ है।

    प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, जिन्होने टीआई के साथ बात की, लेकिन प्रशासनिक प्रक्रियाओं में होने वाली पर्चियों की संख्या का नाम वह नहीं देना चाहते हैं, उन्होने कहा, “यदि पांड्या और राहुल को निलंबन लंबित जांच की सेवा देनी है, तो हरमनप्रीत के बारे में क्यो कहोगे? वह इस समय भारतीय महिला टीम की कप्तान है, जब वह एक नकली स्नातक की डिग्री रखने के लिए जांच में व्यस्त है, कोई ना कोई चुपचाप उन्हे रक्षा दे रहा है, लेकिन फिर इन दोनो खिलाड़ियो पर एक साल का प्रतिबंध क्यो? पश्चताप के लिए?”

    भारतीय टी-20 टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर से उनकी पंजाब पुलिस ने डीएसपी की नौकरी छीन ली थी। उन्हे क्रिकेट में बहतरीन प्रदर्शन के लिए अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। जिसके बाद पंजाब पुलिस ने उनसे यह नौकरी छिन ली थी क्योकि पंजाब पुलिस ने जो जांच की थी, उसमें उनके ग्रेजुएशन के सर्टिफिकेट नकली पाए गए थे। साल 2018 मार्च में हरमनप्रीत कौर को पंजाब पुलिस में डीएसपी बनाया गया था।

    वहां एक कानूनी प्रकिया होनी चाहिए? लेकिन फिर भी वह भारतीय टी-20 टीम की कप्तान कैसे है? अगर वह जांच पड़ताल के बाद भी, ऐसे ही टीम का नेतृत्व करती रहेंगी, तो बीसीसीआई केएल राहुल और हार्दिक पांड्या के विश्वकप खेलने के ऊपर कॉल नही ले सकती, जो की अब से चार महीने बाद खेला जाएगा।”

    आगे उन्होने कहा, “उन्हें अपने ग्रेजुएशन के नकली सर्टिफिकेट के कारण पंजाब पुलिस में डीएसपी की रैंक से हटा दिया गया था। क्या बीसीसीआई इस बात पर आगे बढ़ी है।”

    बीसीसीआई ने हरमनप्रीत कौर से जुड़े मामले पर आधिकारिक बयान नहीं दिया है और जो सीओए के काम करने के तरीके में कई दोष ढूंढते हैं वे अभी कहते हैं। यह ऐसा मुद्दा है जहा सभी खिलाड़ियो को उदाहरण बनाया जा रहा है और एक खिलाड़ी को नजरअंदाज किया जा रहा है।

    By अंकुर पटवाल

    अंकुर पटवाल ने पत्राकारिता की पढ़ाई की है और मीडिया में डिग्री ली है। अंकुर इससे पहले इंडिया वॉइस के लिए लेखक के तौर पर काम करते थे, और अब इंडियन वॉयर के लिए खेल के संबंध में लिखते है

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