केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जटेली ने गुरुवार को कहा कि प्रेस की स्वंतत्रता राष्ट्रीय सुरक्षा से ऊपर नहीं हो सकती है और इस तथ्य को संविधान के निर्माताओं ने भी महसूस किया है।
जेटली की प्रतिक्रिया सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट को दी गई जानकारी, 8 फरवरी को 59000 करोड़ के रफाल सौदे की फाइल रक्षा मंत्रालय से चोरी होने पर आई है।
मंत्री ने कहा, एक बात स्पष्ट कर दूं कि अदालत में जो चल रहा है उसका निर्णय अदालत पर ही छोड़ दें। और हां ये बात जाहिर है कि इस देश के सवेंदनशील दस्तावेज लीक हो चुके है।
उन्होंने कहा, “यह मत भूलिए कि भारत में बहुत स्वतंत्र प्रेस है। लेकिन यहां तक कि संविधान के निर्मातओं ने भी कहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा एक अपवाद है। और पिछले 72 वर्षों में इसे कभी चुनौती दी गई है।
द हिंदू में नरेंद्र मोदी सरकार के दावों के विरोध में रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद, अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल के माध्यम से सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि यह आधिकारिक गोपिनीयता अधिनियम का उल्लंघन है।
केंद्र ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 14 राफेल फाइटर जेट्स की खरीद से जुड़े दस्तावेज रक्षा मंत्रालय से चोरी हो गए है।
भारत वार्ताकार टीम (INT) के तीन सदस्यों द्वारा आठ पृष्ठ के असहमति नोट का उल्लेख करते हुए वेणुगोपाल ने मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति के एम. जोसेफ ने कहा कि यदि पूर्व या वर्तमान कर्मचारियों द्वारा दस्तावेज किए गए थे, तो इसकी जांच की जा रही है।