Tue. Oct 8th, 2024

    इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने बुधवार को पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, उनकी बेटी मरयम नवाज इन दोनों की सजा रद्द कर दी है और उन्हें जल्द से जल्द रिहा करने के आदेश पाकिस्तान पुलिस को दीए हैं।

    भ्रस्टाचार और अपने पद का दुरुपयोग कर लंडन में फ्लैट खरीदने के मामले में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, उनकी बेटी मरयम नवाज और मुहम्मद सफ्दार इन तीनो को पुलिस ने 13 जुलाई को गिरफ्तार किया था।

    पाकिस्तान की नेशनल एकाउंटेबिलिटी ब्यूरो द्वारा एंटी करप्शन कोर्ट में केस दर्ज किया गया। इस केस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने नवाज शरीफ को और उनकी बेटी, दामाद को भी दोषी पाया, कोर्ट ने नवाज शरीफ को 11 साल की सजा सुनाई और बेटी मरयम नवाज को आठ साल की सजा सुनाई थी।

    एंटी करप्शन कोर्ट के फैसले को शरीफ ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी, जस्टिस अथर मिनाल्लाह और जस्टिस मियांगुल हसान औरंगजेब के बेंच ने इस केस को स्वीकार कर, सुनवाई करने पर सहमती जताई। इस्लामाबाद हाई कोर्ट के बेंच ने कहा, जब तक कोर्ट अपना आखरी फैसला नहीं सुना देता, तब तक सजाओं की स्थगित किया जाएगा।

    खंडपीठ ने कहा कि तीनों को जमानत पर 500,000 रुपये का भुगतान करने पर रिहा कर दिया जाएगा। उनकी अपील सुनने के लिए बाद में एक तारीख तय की जाएगी।

    सुनवाई के दौरान के दौरान नेशनल एकाउंटेबिलिटी ब्यूरो के वकील से जस्टिस मिनाल्लाह ने कहा, “इस केस की जांच करने के बाद भी, आप लन्दन फ्लैट के मालिकाना हक्क के कागजात लाने कोर्ट के सामने पेश करने में नाकाम रहे हैं।”

    जस्टिस मिनाल्लाह ने आगे कहा, “प्रॉसिक्यूशन यह साबित करने में नाकाम रहा हैं, की लन्दन के फ्लैट नवाज शरीफ के हैं। कोर्ट के सामने यह साबित करने में भी वह नाकाम रहे हैं की,क्यों उनकी बेटी मरयम नवाज को उसी चार्जशीट के आधार पर गिरफ्तार किया गया हैं, जिसमें सभी आरोप नवाज शरीफ से जुड़े हुए हैं।”

    इस्लामाबाद हाई कोर्ट के बाहर मीडिया को संबोधित करते हुए, पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और नवाज शरीफ के करीबी माने जानेवाले ख्वाजा आसिफ ने कहा, “इन्साफ हो चूका हैं और मैं नवाज शरीफ के सभी समर्थकों को बधाई देता हूँ।”

    आपको बतादे, तीन बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रह चुके नवाज शरीफ को पनामा पेपर लीक मामले में पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2017 में अयोग्य करार दिया था। उसके बाद उनके सहयोगी शाहीद खाकान अब्बासी प्रधानमंत्री बनें थे।

    By प्रशांत पंद्री

    प्रशांत, पुणे विश्वविद्यालय में बीबीए(कंप्यूटर एप्लीकेशन्स) के तृतीय वर्ष के छात्र हैं। वे अन्तर्राष्ट्रीय राजनीती, रक्षा और प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज में रूचि रखते हैं।

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