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    ग्वादर

    पाकिस्तान की सरकार ने बलोचिस्तान में ग्वादर बंदरगाह में संचालन कर रही चीनी कम्पनी को शुल्क में 23 वर्षो की रियायत दी है। मेरीटाइम मामले के पाकिस्तानी मंत्री अली हैदर जैदी ने कहा कि “चीन की कंपनी काफी लम्बे अरसे से इस बंदरगाह पर संचालन कर रही है और उन्हें मशीनरी और अन्य उपकरणों के बंदरगाह पर इंस्टालेशन के लिए शुल्क में रियायत दी जा रही है।”

    उन्होंने कहा कि “यह पहल चीनी मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री का ग्वादर में स्थापित होना है और स्थानीय मजदूरों से जुड़ना है। यह कदम पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में प्रगति लाएगा। चीनी कंपनी डिसेलिनेशन प्लांट की भी स्थापना करेही जिसकी लागत 1.95 अरब डॉलर होगी और यह लोगो को प्रतिदिन 5000 गैलन जल मुहैया करेगी।”

    पकिस्तान के प्रधानमन्त्री इमरान खान अभी दो दिवसीय यात्रा पर चीन गए हैं और उन्होंने राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की थी। इस दौरे में चीन-पाक आर्थिक गलियारे के तहत क्षेत्रीय विकास और परियोजनाये प्रमुख मुद्दा था। जैदी ने ऐलान किया कि चीन पाकिस्तान-चीन टेक्निकल एंड वोकेशनल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट का निर्माण ग्वादर में करेगा जिसकी कीमत एक करोड़ डॉलर होगी।

    यह परियोजना स्थानीय नागरिको के लिए रोजगार का सृजन करेगी। तकनिकी कौशल के साथ हर वर्ष करीब 360 छात्र इस संस्थान से उतीर्ण होते हैं। उन्होंने कहा कि “चीन पाकिस्तान मैत्री अस्पताल का निर्माण 68 एकड़ की जमीन पर किया जायेगा जिसकी अनुमानित कीमत 10 करोड़ डॉलर है।”

    उन्होंने कहा कि “300 मेगावाट के बिजली उत्पादन के लिए कोयला पॉवर प्लांट का ग्वादर में निर्माण किया जायेगा। ईस्टबे एक्सप्रेसवे का 40 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है और दिसम्बर 2020 में शेष कार्य संपन्न हो जायेगा।”

    सीओपीएचसी के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी झांग बाओहोंग ने कहा कि इमरान खान की सरकार ने टैक्‍स में छूट देने के मसले का निराकरण कर दिया है। यह मसला पाकिस्‍तान की सरकार के समक्ष बीते सात वर्षों से लंबित था।

     

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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