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    पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान

    पाकिस्तान ने 18 विदेशों द्वारा अनुदानित सहायता समूहों को सभी अभियानों को रद्द कर देश छोड़ने का फरमान जारी किया है। एक्शनऐड जैसे संघठन जिनका मकसद देशों में शिक्षा, गरीबी और मानवाधिकार से जूझ रहे लोगों की सहायता करना होता है।

    एक्शनऐड  का मुख्यालय जोहेन्स्बर्ग में हैं। एक्शनऐड के प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तानी आंतरिक मंत्रालय की ओर से उन्हे देश छोड़ने का हुक्म आया है। मंत्रालय ने इस निर्णय का कोई कारण नहीं बताया है। उन्होंने कहा पाकिस्तान का यह कदम समाज और मानवाधिकार संगठनों पर हमला है।

    एक्शनऐड के ने कहा कि अन्य 17 सहायता समूहों को पाकिस्तानी मंत्रालय की ओर से एक जैसा नोटिस आया था।

    पाकिस्तान के सूचना मंत्रालय ने इस मसले पर जांच करने की बात कही है जबकि पाकिस्तानी आंतरिक मंत्रालय की और से कोई टिप्पणी नहीं की गयी है।

    पाकिस्तान के पत्रकारों और संपादको के प्रेस की आज़ादी को कम करने की शिकायतों के बाद यह आदेश जारी किये गये हैं।

    पाकिस्तान में दक्षिणपंथी समूहों का यह अभिव्यक्ति की आज़ादी और सक्रियतावादियों पर सीधा हमला हैं।

    पिछले कुछ वर्षों में पाकिस्तान में विदेशी सहायता से चलने वाले समूहों में निरंतर कमी आई है। पिछले वर्ष एक समूह को राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के आरोप में देश छोड़ने का आदेश दिया था।

    गत दिसम्बर में पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज सरकार ने 27 विदेशी सहायता समूहों पर ताला लगाया था। इनमे से अधिकतर मानवाधिकार के लिए कार्य करते थे।

    एक्शनऐड की प्रवक्ता ने कहा कि सरकार के इस फैसले से हजारों आम पाकिस्तानी परिवार प्रभावित होंगे। जिनके जीवन को बेहतर बनाने और उनका अधिकार दिलाने के लिए संस्था मदद कर रही है।

    पाकिस्तान का एक्शनऐड और अन्य विदेशी संस्थाओं को देश छोड़ने का हुक्म जारी करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण फैसला है। सभी सहायता संघठन समाज, शिक्षण संसथान और पत्रकारों पर बढ़ते हमलों के लिए चिंतित है.

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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