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    पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी

    कल आंध्र प्रदेश सरकार ने राज्य में सीबीआई के प्रवेश पर रोक लगा दिया। अब सीबीआई बिना राज्य सरकार की अनुमति लिए प्रदेश में किसी भी तरह की जांच नहीं कर सकती, छापा नहीं मार सकती।

    आंध्र सरकार के इस फैसले के कुछ ही देर बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने भी सीबीआई को दी गई जांच और छापा मारने की आम सहमति वापस ले ली।  अब सीबीआई को किसी भी तरह की जांच करने के लिए पहले बंगाल सरकार से मंजूरी लेनी होगी। बंगाल में लेफ्ट सरकार ने 1989 में सीबीआई को आम सहमति प्रदान की थी जिसके तहत सीबीआई जब चाहे राज्य में किसी भी तरह की जांच के लिए आ सकती थी और कहीं भी छापा मार सकती थी।

    राज्य सचिवालय के अधिकारी ने कहा कि बाद अब सीबीआई को अदालत द्वारा दिए गए आदेश के अलावा किसी भी अन्य तरह की जांच करने की अनुमति के लिए पश्चिम बंगाल सरकार की आवश्यकता होगी।

    सीबीआई दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान अधिनियम के तहत कार्य करती है।

    दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक ट्वीट में आंध्र प्रदेश सरकार के कदम को समर्थन दिया। केजरीवाल ने कहा कि ‘चंद्रबाबू ने सही काम किया। (प्रधान मंत्री नरेंद्र) मोदी जी सीबीआई और आयकर विभाग का दुरुपयोग कर रहे हैं। केजरीवाल ने कहा कि सीबीआई ने नोटबंदी (राक्षस), विजय माल्या, राफले, सहारा, बिड़ला इत्यादि के घोटालों को क्यों नहीं पकड़ा।’

    चंद्रबाबू नायडू 2019 लोकसभा चुनाव के लिए मोदी विरोधी मोर्चा बनाने के उद्देश्य से देश भर में घूम घूम कर विपक्षी एनर्जी ने भी चंद्रबाबू नायडू के बयां नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। पिछले दिनों नायडू ने अंदेशा जताया था कि अपनी खिलाफ विपक्षी एकता को दबाने के लिए केंद्र सरकार सीबीआई का दुरूपयोग कर सकती है। ममता बनर्जी ने भी नायडू के इन आरोपों का समर्थन करते हुए पश्चिम बंगाल में सीबीआई के प्रवेश पर रोक लगा दिया।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

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