पश्चिम बंगाल में रथ यात्रा निकालने का भाजपा की योजना को मंगलवार को झटका लगा है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने ममता बनर्जी सरकार के प्रतिबन्ध लगाने के फैसले में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है।
भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा हिंसा की आशंका निराधार नहीं है।
SC refused to give a go ahead for the BJP's Yatra in West Bengal. The Apex Court, however, said that the BJP state unit can conduct meetings and rallies. SC said, if BJP comes out with a revised plan of fresh Yatra, that may be considered afresh later. pic.twitter.com/TbvYiRQply
— ANI (@ANI) January 15, 2019
कोर्ट ने भाजपा से कहा कि वह अधिकारियों से नए सिरे से मंजूरी ले और साथ ही राज्य में तृणमूल कांग्रेस सरकार को भाषण और अभिव्यक्ति के मौलिक अधिकार को ध्यान में रखते हुए भाजपा के आवेदन पर फैसला करने का आदेश दिया। टॉप कोर्ट भाजपा की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमे तर्क दिया था कि अधिकारी उनके अधिकारों को खत्म नहीं कर सकते और उनका कर्तव्य है कि वे उन्हें अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग करने में सुविधा प्रदान करें।
गौरतलब है कि भाजपा ने राज्य में तीन ‘लोकतंत्र बचाओ’ रथयात्रा की योजना बनाई है: एक रथयात्रा राज्य के उत्तरी हिस्से में कूच बिहार से, एक दक्षिणी भाग में काकद्वीप से और एक और बीरभूम जिले के तारापीथ मंदिर से शुरू होगी जो कलकत्ता में आ कर एक साथ मिल जायेगी और फिर वहां भाजपा के बड़े नेता बड़ी रैली को संबोधित करेंगे।
भाजपा की ये रथयात्रा राज्य के सभी 42 लोकसभा सीटों से हो कर गुजरेगी। पार्टी ने इस बार राज्य की 42 में से 22 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है।