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    भारत ने पाकिस्तान में कार्यरत भारत विरोधी गुटों को कश्मीर के शोपिया में तीन पुलिसकर्मीयों के मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया हैं और भारतीय सुरक्षा बालों द्वारा कश्मीर में मारे गए आतंकी के याद में पाकिस्तान सरकार की ओर से स्टाम्प जारी किया जा चूका हैं। इन कारणों की वजह से न्यूयॉर्क में संयुक्तराष्ट्र आमसभा के बीच दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच होनेवाली प्रस्तावित मुलाक़ात को भारत की ओर से रद्द किया जा चूका हैं।

    भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, “इन हालातों में दोनों देशों के बीच किसी भी प्रकार की बातचीत होना या किए जाना व्यर्थ हैं।” उन्होंने कहा जुलाई में पाकिस्तान सरकार की ओर से आतंकवादी बुरहान वाणी जिसे भारतीय सेना द्वारा मार गिराया जा चूका था, उसके याद में पोस्ट स्टाम्प जारी किया गया हैं, यह भी इस मुलाक़ात को रद्द किए जाने का एक अहम कारन हैं।

    विदेश मंत्रालय द्वारा जारी प्रेस रिलीज में कहा गया हैं, “ऐसी परिस्थिति में पाकिस्तान के साथ बात नहीं हो सकती। जहाँ तक न्यूयॉर्क में संयुक्तराष्ट्र आमसभा के दौरान दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की मुलाक़ात का सवाल हैं, तो यह मुलाकात नहीं होगी।”

    “कल, जब भारत के ओर से पाकिस्तान द्वारा दी गए मुलाक़ात के प्रस्ताव को स्वीकार किया गया। उसके बाद ऐसी दो घटनाएँ हुयी हैं, जिन्हें अनदेखा नहीं किया जा सकता। हमारे सुरक्षा बलों के जवानों की पाकिस्तान में सक्रीय गुटों द्वारा कायरतापूर्ण ढंग से हत्या कर दी गयी। उसी के साथ आंतकवादी बुरहान वाणी के हरकतों को शहादत का नाम देते हुए, उसकी याद में पाकिस्तान की ओर से स्टाम्प जारी किया गया। पाकिस्तान की इन हरकतों से यह साफ़ होता हैं, की पाकिस्तान अपनी आदते बदलने को तयार नहीं हैं।”

    आपको बतादे, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी दोनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अलग अलग ख़त लिख कर दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच वार्ता कराने की बात कहीं थी। विदेश मंत्रालय की ओर इस प्रस्ताव को मान लिया गया था। लेकिन पाकिस्तान की ओर से बीएसएफ जवानों की हत्या की पुष्टि की गयी, उसके बाद भारत की ओर से इस बैठक को रद्द किया गया हैं।

    विदेश मंत्रियों की बैठक रद्द किए जाने के बाद, पाकिस्तान के सुचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा, “पूरी दुनिया यह जानती हैं, की पाकिस्तान दोनों देशो के बीच अमन चाहता हैं, लेकिन भारत यह नहीं चाहता।”

    पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने भारत के इस निर्णय को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।

    By प्रशांत पंद्री

    प्रशांत, पुणे विश्वविद्यालय में बीबीए(कंप्यूटर एप्लीकेशन्स) के तृतीय वर्ष के छात्र हैं। वे अन्तर्राष्ट्रीय राजनीती, रक्षा और प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज में रूचि रखते हैं।

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