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    नेपाल निवेश सम्मेलन

    भारतीय रिज़र्व बैंक सहित तीन बैंकों ने नेपाल के विशालकाय हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के लिए 7800 करोड़ का कर्ज देने का वादा किया है। यह ऐलान नेपाल में आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान किया गया है। 900 मेगावाट के अरुण III हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट को भारतीय कंपनी एसजेवीएन ने अपने अधिकार में ले लिया है।

    ANI के मुताबिक एसबीआई ने 6560 करोड़ रूपए, एवेरेस्ट बैंक ने 812.61 करोड़ और नबील बैंक ने 487.58 करोड़ कर्ज देने की प्रतिबद्धता दिखाई है। इस प्रोजेक्ट की नींव संयुक्त रूप से प्रधानम्नत्री मोदी और ने[अली समकक्षी केपी शर्मा ओली ने बीते वर्ष मई में रखी थी।

    इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 1.04 अरब डॉलर है और यह पांच वर्षों की समयसीमा में पूर्ण होगा। यह प्रोजेक्ट प्रतिवर्ष 4018.87 मिलियन यूनिट्स बिजली का उत्पादन करेगा। यह भारत सरकार और हिमाचल प्रदेश सरकार का संयुक्त कार्य है।

    इस प्रोजेक्ट का विकास बिल्ड ओन ऑपरेट एंड ट्रांसफर की तहत सतलुज जल विद्युत् निगम और अरुण 3 पॉवर डेवलपमेंट कंपनी द्वारा किया जा रहा है। एसजेवीएन की स्थापना साल 2013 में की गयी थी। इसका मकसद अरुण 3 पावर प्लांट की योजना, प्रचार, आयोजन और अमल करना था। मार्च 2008 में एसजेवीएन ने नेपाल सरकार के साथ इस प्रोजेक्ट के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किये थे।

    सौदा पूरा हो गया और निर्माण कार्य चालू है। एसजेवीएन इस पावर प्लांट को अगले 30 सालों तक चलाएगी, जबकि इसका मालिकाना हक़ नेपाल सरकार को सौंप दिया जायेगा। यह 21.9 फीसद बिजली नेपालन को मुफ्त में मुहैया करेगा।आंकड़ों के अनुसार यह प्रोजेक्ट नेपाल और भारत में 3000 नौकरियों का सृजन करेगा।

    भारत के विदेश सचिव विजय गोखले दो दिवसीय यात्रा पर गुरूवार को काठमांडू पंहुच गए हैं। विजय गोखले की यात्रा के एक दिन बाद नेपाल इन्वेस्टमेंट समिट 2019 का कार्यक्रम होगा। सूचना के मुताबिक नेपाल निवेश सम्मलेन में हाज़िरी के लिए 38 भिन्न राष्ट्रों के 602 भागीदारी ने सम्मिलित होने की पुष्टि की है।

    भारत से निवेश की लगाई थी गुहार

    जाहिर है नेपाल नें निवेश सम्मलेन आयोजित करने से पहले भारत से कहा था कि वह नेपाल में आकर निवेश करे।

    नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली नें कहा था, “निवेश के लिए इस समय नेपाल भारत के लिए सबसे उचित विकल्प है।”

    मुख्य रूप से नेपाल नें भारत से हाइड्रो पॉवर, रोड और हाईवे और होटल इंडस्ट्री में निवेश करने के लिए कहा था।

    नेपाल इन्वेस्टमेंट बोर्ड के मुख्य अधिकारी महा प्रसाद अधिकारी ने कहा था कि होटल इंडस्ट्री, रोड और हाईवे और हाइड्रोपावर जैसे क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं।

    नेपाल इन्वेस्टमेंट बोर्ड के अध्यक्ष प्रधानमंत्री केपी ओली हैं, जिन्होनें पिछले साल भारत का दौरा किया था।

    निवेश सम्मलेन के दौरान भाषण में केपी ओली नें कहा, “नेपाल एक विकासशील देश है। नेपाल में हाइड्रोपावर, रोड और हाईवे और होटल बिजनेस में अपार संभावनाएं हैं। हम हमारे पड़ोसी देश भारत समेत सभी देशों से आग्रह करेंगे कि वे नेपाल में निवेश करें”

    सम्मलेन के दौरान केपी ओली नें यह भी बताया कि वहां मौजूद 700 विदेशी अधिकारीयों में से 120 सिर्फ भारत से ही हैं।

    केपी ओली नें आगे कहा कि रोड और हाईवे के जरिये देश के भीतर और देश के बाहर जोड़ने का काम हो सकेगा। उन्होनें कहा कि इससे भारत और नेपाल के व्यापार सम्बन्ध और भी मजबूत होंगे।

    निवेशकों को भरोसा देते हुए नेपाल नें कहा, “सरकार सभी निवेशकों को पूरा सहयोग देगी। कोई भी निवेशक अपनी योजना लेकर सरकार के पास आ सकता है और समझा सकता है। सरकार पूरी कोशिश करेगी कि प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू हो सके।”

    भारतीय होटल कंपनी ओयो नें हाल ही में घोषणा की थी कि वह नेपाल में निवेश करेगी। इसके लिए आज ओयो नें 200 मिलियन डॉलर एयरबीएनबी कंपनी से उठाये हैं।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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