Thu. Mar 28th, 2024
    नीरव मोदी ने कोर्ट को दिया जवाब: मैंने कुछ गलत नहीं किया है, पीएनबी घोटाले को बढ़ा चढ़ा कर दिखाया जा रहा है

    लंदन की मीडिया एजेंसी द टेलीग्राफ ने भारतीय भगोड़े नीरव मोदी की उनके 8 मिलियन डॉलर के बंगले में होने की खबर दी उसके बाद भारीतय एजेंसियों ने यह निर्णय लिया है की वे नीरव मोदी की यूके में व्यवसाय स्थापित करने में मदद करने को ढूंढकर उनकी तहकीकात करेंगे।

    नीरव मोदी सोहो से संभल रहे व्यवसाय :

    यूके के समाचार पत्र में यह जानकारी देने के बाद एक समाचार पत्र ने यह भी दावा किया है की नीरव मोदी सोहो से अपने व्यवसाय का प्रबंधन कर रहे हैं। इसके बाद भारतीय एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बयान दिया है की अखबारों द्वारा प्रकाशित खबरों को जांचने के बाद पता चला है की नीरव मोदी अपने व्यवसाय को संभालने में यूके की एक वेल्थ मैनेजमेंट कंपनी की सहायता ले रहे हैं। इसी कम्पनी ने शायद नीरव मोदी की यूके में व्यवसाय स्थापित करने में मदद करने का अनुमान है।

    इस कंपनी के अलावा हम ऐसे भारतीय सहायकों का भी पता लगा रहे हैं जिन्होंने नीरव मोदी की इस मामले में मदद की है।

    द टेलीग्राफ की रिपोर्ट :

    नीरव मोदी के संबंध में द टेलीग्राफ ने रिपोर्ट में बयान दिया है की मोदी अपने नए अपार्टमेंट से कुछ सौ गज की दूरी पर सोहो में एक कार्यालय से अपना नया व्यवसाय चलाते हैं। व्यापार, जिसे पिछले मई में ही शुरू किया गया था, केंद्र बिंदु में अपने फ्लैट से जुड़ा हुआ है, हालांकि वह कंपनी हाउस में निदेशक के रूप में सूचीबद्ध नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया है कि व्यवसाय खुद को घड़ियों और आभूषणों के थोक व्यापारी और विशेष दुकानों में घड़ियों और आभूषणों के खुदरा व्यापारी के रूप में बताता है।

    भारत ने की प्रत्यर्पण की गुजारिश :

    नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण के लिए अनुरोध जुलाई 2018 के महीने में यूके भेजा गया था। गृह कार्यालय के यूके के केंद्रीय प्राधिकरण ने पुष्टि की है कि प्रत्यर्पण अनुरोध ब्रिटेन के गृह सचिव द्वारा प्रमाणित किया गया है और आगे की कार्यवाही के लिए जिला न्यायाधीश के लिए वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट को भेज दिया गया है और अन नीरव मोदी के मामले की सुनवाई वहीं होगी।

    By विकास सिंह

    विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *