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    पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ

    पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ की भ्रष्टाचार मामले से जुड़ी जमानत याचिका को उच्च अदालत ने ख़ारिज कर दिया है। पाक अदालत ने इलाज के लिए जमानत देने से इंकार कर दिया है। 69 वर्षीय नवाज़ नवाज़ शरीफ भ्रष्टाचार मामले में सात वर्षों की कारावास की सज़ा भुगत रहे हैं।

    इस्लामाबाद हाई कोर्ट की न्यायाधीश आमिर फ़ारूक़ और न्यायाधीश मोहसिन अख्तर की दो सदस्यीय पीठ ने ऐलान किया कि जमानत याचिका को ख़ारिज किया जा चुका है। इस दौरान पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज़ के कई नेता, साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी और पूर्व विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ भी फैसले के दौरान अदालत में मौजूद थे।

    शाहिद खाकान अब्बासी ने कहा कि “हम इस फैसले से नाखुश है क्योंकि कई चिकित्सकों ने नवाज़ शरीफ की सेहत की जांच की है और इलाज की बात कही है। लेकिन हम फैसले को स्वीकार करते हैं।”

    ख्वाजा आसिफ ने कहा कि “हम इस निर्णय के खिलाफ शीर्ष अदालत में अपील करेंगे।” इस फैसले के दौरान पीएमएलएन के नेता अदालत की परिसर में मौजूद था और निर्णय के खिलाफ उन्होंने नारे लगाए।”

    पीएमएलएन के नेताओं की मांग है कि नवाज़ शरीफ को इलाज के लिए लंदन भेजने की इजाजत दी जानी चाहिए। हालाँकि लाहौर मेडिकल बोर्ड ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री की जांच से सम्बंधित सभी विशेष इलाज पाकिस्तान में भी मौजूद है।

    नवाज़ शरीफ को भ्रष्टाचार रोधी अदालत ने पनामा पेपर से सम्बंधित रिश्वतखोरी के आरोप में सात वर्ष की कारावास की सज़ा सुनाई थी। 69 वर्षीय नवाज़ शरीफ को अल अजीजिया स्टील मिल रिश्वतखोरी केस में सात साल की कैद की सजा मिली थी। एवेनफील्ड प्रॉपर्टीज केस, फ्लैगशिप इन्वेस्टमेंट और अल अजीजिया स्टील मिल केस को भ्रष्टाचार विरोधी विभाग ने 8 सितम्बर 2017 को अदालत के समक्ष रखा था, इसकी कार्रवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने नवाज़ शरीफ को अयोग्य करार दिया था।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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