नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी जिनकी फिल्म “ठाकरे” दर्शकों को प्रभावित कर रही है, वे बॉक्स ऑफिस मान्यता में यकीन नहीं रखते मगर उनका ऐसा मानना है कि अगर एक अभिनेता की प्रतिभा को नंबर में नापोगे तो वे भी यह खेल खेल सकते हैं।
PTI को उन्होंने बताया-“मुझे बॉक्स ऑफिस की परवाह नहीं है। अगर मुझे होती, तो मैं करियर में गाने और नाचने की ही फिल्में करता-फिल्में जो हिट होती हैं। मगर आज, ऐसा सोचा जाता है कि आप तभी अच्छे अभिनेता हो जब आप 100 करोड़ की हिट फिल्म दोगे। और इसलिए मुझे लगता है की मुझे ऐसी फिल्में करनी चाहिए जिसमे कंटेंट के साथ साथ कॉमेडी का तड़का हो। मैं वैसी भी फिल्में कर सकता हूँ जिसमे मुझे यकीन हैं और कभी कभी इस तरह का सिनेमा भी कर सकता हूँ।”
अभिनेता ने आगे कहा कि बॉक्स ऑफिस पर उनकी फिल्मो का प्रदर्शन कभी उनके भविष्य के प्रोजेक्ट का फैसला नहीं करता और इसलिए जब उनकी फिल्म “ठाकरे” हिट हुई तो वे बेहद उत्साहित हो गए। उनके मुताबिक, “फिल्म में गाने नहीं थे। कोई कॉमेडी नहीं था, कोई सस्पेंस नहीं था। ये सिर्फ ऐसे आदमी की कहानी थी जिसे हमने दो घंटे में दिखाया। जब ऐसी फिल्म चल जाए, तो आपको ख़ुशी होती है। हमें वीकेंड में ही प्रॉफिट दिख गया था और फिल्म को कामयाब होते देखना शानदार था।”
नवाज़ ने कहा कि वे बॉक्स ऑफिस को लेकर परेशान नहीं थे मगर दर्शको की प्रतिक्रिया को लेकर घबराये हुए थे। उन्होंने कहा कि आज कल कंटेंट वाली फिल्मो में भी गाने होते हैं मगर इसमें नहीं था, इसलिए उन्हें लगा कि फिल्म को स्वीकार किया जाएगा या नहीं।
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हालांकि, फिल्म को कुछ लोगों द्वारा ‘प्रचार’ कहा गया था, लेकिन अभिनेता ने कहा कि वह तर्क की तर्कसंगतता को नहीं समझते हैं।
उन्होंने कहा-“हमने प्रचार की तरह क्या किया है? सालों से, हम ऐसी फिल्में बना रहे हैं जो हीरो-केंद्रित होती है, जहाँ हम कोई कमज़ोरी नहीं दिखाते है, हीरो की बुराई नहीं दिखाते हैं। क्या वे प्रचार नहीं है? जब आप हीरो को इतना परफेक्ट दिखाते हैं, वो भी प्रचार ही होता है।”
फिल्मों की बात की जाये तो, इस वक़्त नवाज़ुद्दीन के पास छह प्रोजेक्ट हैं जिसमे रितेश बत्रा की ‘फोटोग्राफ’ है और ‘सेक्रेड गेम्स 2’ है।
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