बहराइच से भारतीय जनता पार्टी की सांसद सावित्री बाई फुले ने योगी आदित्यनाथ के हनुमान जी पर दिए गए दलित सम्बन्धी बयान के लिए उनपर निशाना साधा।
सावित्री बाई ने कहा कि “यदि वो (आदित्यनाथ) दलितों से सच में प्रेम करते हैं तो उन्हें उनसे उससे कहीं अधिक प्यार करना चाहिए जितना वो भगवान हनुमान से करते हैं। क्या उन्होंने कभी किसी दलित को गले लगाया? उन्होंने भले ही दलित के घर खाना खाया लेकिन वो खाना दलित द्वारा नहीं बनाया गया था। विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र उनके पास कोई मुद्दा नहीं बचा तो वो हनुमान जी को दलित बता रहे हैं। वो केवल दलित के वोट लेना चाहते हैं। लेकिन अब देश के दलित, पिछड़े और आदिवासी उनके ढोंग को समझ चुके हैं।”
फुले अक्सर दलितों के मुद्दे पर अपनी पार्टी की आलोचना करती रहती है।
राजस्थान में एक चुनावी रैली के दौरान आदित्यनाथ ने कहा था कि भगवान वंचित, वनवासी और दलित, सबको उत्तर से लेकर दक्षिण और पूरब से ले कर पश्चिम तक लोगों को एक सूत्र में बाँधने का काम किया।
आदित्यनाथ के इस बयान के बाद भीम आर्मी के अध्यक्ष चंद्रशेखर ने दलित समुदाय से आग्रह किया था कि देश के सभी हनुमान मंदिरों पर अपना हक जताएं।
फुले ने मांग की कि अगर हनुमान जी दलित थे तो देश के सभी हनुमान मंदिरों में दलितो को पुजारी बनाया जाए। उन्होंने पूछा कि जब हनुमान हमेशा भगवन राम के साथ रहे तो फिर उन्हें पूँछ क्यों दे दिया गया।
सावित्री बाई फुले ने ये भी कहा कि भगवन हनुमान मनुवादी लोगों के गुलाम थे। उन्होंने कहा “यदि उन्होंने राम की सेवा की, उनकी पूजा की तो उन्हें इंसान होना चाहिए था ना कि बन्दर। इस बार भी उन्हें दलित घोषित करना उनका शोषण किया गया। हम दलितों को इंसान क्यों नहीं समझा जाता।”