जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने रविवार को एक संदिग्ध चरमपंथी की बहन से मुलाकात की थी जिसकी पुलिस ने पिटाई की थी। महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि वह दक्षिणी कश्मीर में खूनखराबे की अनुमति नहीं देंगे और न ही इसे युद्धक्षेत्र में परिवर्तित नहीं होने देंगे।
पुलवामा में नागरिकों से मुलाकात करने के बाद महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि बल का अत्यधिक इस्तेमाल ही युवाओं को बन्द्दोक की तरफ आकर्षित करता है। पूर्व मुख्यमंत्री ने लास्सिपोरा पुलवामा का भी दौरा किया और कहा कि जनता का राजनीति को सहयोग कठोर व्यवहार करने योग्य नहीं है।
Urge the @jandkgovernor to initiate action and prevent such incidents in the future. If harassment of families of militants isnt stopped, it will have consequences leading to further alienation in the valley. 2/2
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) December 30, 2018
उन्होंने आग्रह किया कि राज्यपाल सत्यपाल मलिक उन पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करें और सुनिश्चित करने को कहा कि भविष्य में ऐसा हादसा दोबारा न हो।
Visited Patipora Pulwama where Rubina (whose brother happens to be a militant )was along with her husband & brother beaten mercilessly in police custody. The severe nature of her injuries has left her bedridden. 1/2 pic.twitter.com/HX3JwVf8gh
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) December 30, 2018
10 वीं क्लास के परिणामों पर टिप्पणी करते हुए महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि “कल, 10 वीं के परिणाम ने युवाओं की आकांक्षाओं को दर्शाया है, अधिकतर दक्षिणी कश्मीर के युवा है। यह आगे बढ़ने और बच्चों को जीवन जीने के लिए एक आग्रह है। हमें अपनी भावी पीढ़ी को भविष्य को संवारने केलिए एकजुट होकर कार्य करने की जरुरत है। सुनिश्चित करें कि बच्चे हिंसा से दूर रहे और हमारे बच्चों को दीवार और हिंसा की तरफ खींचने वालों से सावधान रहें।
महबूबा मुफ़्ती के आलोचकों ने उन पर आगामी चुनावों में अपनी आधाशीला को मज़बूत करने का आरोप लगाया है।