Tue. Apr 16th, 2024
    suicide

    हैदराबाद, 27 अप्रैल| तेलंगाना में एक और इंटरमीडिएट की छात्रा ने शनिवार को खुदकुशी कर ली। इंटरमीडिएट शिक्षा बोर्ड के परिणामों की घोषणा के बाद से 19 विद्यार्थी आत्महत्या कर चुके हैं। अब ये आंकड़ा 20 हो गया है।

    नवीनतम घटना में, नारायणपेट जिले की 17 साल की बच्ची ने खुदकुशी कर ली।

    हैदराबाद से 160 किलोमिटर दूर, नारयणपेट जिले के धनवाड़ा ब्लॉक में रह रही सिरिषा ने 12वीं कक्षा में एक विषय में फेल होने के बाद निराश होकर खुदकुशी कर ली।

    जब सिरिषा ने यह कदम उठाया तब परिवार वाले खेत में गये हुए थे। परिवारवालों ने कहा कि जंतु विज्ञान में फेल होने के बाद से वह उदास थी।

    मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने गुरुवार को ही परीक्षा में फेल हुए बच्चों की मुफ्त में दौबारा से उतरपुस्तिकाओं को फिर से गिनती और जांच करने के आदेश दिए थे। साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की थी कि वह इस तरह खुदकुशी का कदम न उठाएं।

    फरवरी से मार्च के बीच हुई इंटरमीडिएट की परीक्षाओं में कुल 9.47 लाख विद्यार्थियों ने भाग लिया था, जिनमें से 3.28 लाख विद्यार्थी फेल हो गए।

    इसबीच, परिणामों में हुई गलतियों को जांचने और रिपोर्ट तैयार करने के लिए सरकार ने जिस तीन सदस्य कमेटी का गठन किया था। उसने गुरुवार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। पैनल ने ग्लोबरेना टेक्नोलॉजीज द्वारा तैनात सिस्टम पर ध्यान दिया, जिनकी सेवाओं को परीक्षा आयोजित करने और परिणामों को संसाधित करने के लिए तेलंगाना बीआई ने काम पर रखा था।

    समिति की अध्यक्षता तेलंगाना स्टेट टेक्नोलॉजिकल सर्विस के प्रबंध निदेशक, जी.टी वेंकटेश्वर राव ने की। उनके साथ बीआईटीएस हैदराबाद के ए.वासन और आईआईटी हैदराबाद के निशांत डोंगरी शामिल रहे। उन्होंने अपनी रिपोर्ट तेलंगाना सरकार के उच्च शिक्षा के सचिव बी. जनार्दन रेड्डी को सौंपी।

    पैनल ने भविष्य में परीक्षा आयोजित करने में इस तरह की चूक से बचने के लिए सिफारिशें कीं।

    राज्यभर के 12 केंद्रों पर असफल छात्रों और अन्य आवेदकों की उत्तर पुस्तिकाओं के पुन: सत्यापन की प्रक्रिया चल रही थी। इनमें से पांच केंद्र हैदराबाद में स्थित हैं।

    जनार्दन रेड्डी और बीआईई के सचिव ए. अशोक ने गुरुवार को जिला कलेक्टरों के साथ प्रक्रिया के सुचारु संचालन के लिए एक वीडियो कॉन्फ्रेंस की।

    जबकि बीआईई बिना आवेदन के असफल छात्रों के पेपर का पुन: मूल्यांकन कर रहा था। 50,000 से अधिक छात्र ऐसे थे, जिन्होंने परीक्षा पास कर ली थी लेकिन प्राप्त अंकों से वह संतुष्ट नहीं थे। उन्होंने भी पुन: सत्यापन के लिए आवेदन किया। जनार्दन रेड्डी ने कहा कि वे अभी भी आवेदन प्राप्त कर रहे हैं।

    उन्होंने छात्रों को आश्वस्त किया कि 16 मई से शुरू होने वाली उन्नत पूरक परीक्षाओं से पहले ही सारी प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *