तेलंगाना राष्ट्र समिति के अध्यक्ष और तेलंगाना के कार्यवाहक मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने मंगलवार को तेलंगाना के लोगों को सावधान रहने की चेतावनी देते हुए कहा कि आंध्र के शासक एक बार फिर तेलंगाना पर कब्ज़ा करना चाहते हैं। उनका इशारा आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की तरफ था।
उन्होंने कहा “हमने दशकों की लड़ाई के बाद आंध्र के साशन से मुक्ति पायी और अपना राज्य तेलंगाना हासिल किया। क्या हमें फिर से अपने राज्य को आंध्र की पार्टी के हवाले कर देना चाहिए?” उन्होंने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री की तरफ इशारा करते हुए कहा जिनकी पार्टी तेलुगु देशम पार्टी राज्य में 7 दिसंबर को होने वाले चुनाव के लिए कांग्रेस के साथ महाकुट्टामी (महागठबंधन) किया है।
केसीआर कोडंगल विधानसभा क्षेत्र के कोसमी में एक चुनावी जनसभा को संबोधित कर रहे थे जहाँ मंगलवार की सुबह कांग्रेस उम्मीदवार रेवनाथ रेड्डी को पुलिस ने केसीआर की रैली में बाधा पहुँचाने की कोशिशों के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था। रेड्डी को चुनाव आयोग के आदेश पर गिरफ्तार किया गया क्योंकि उन्होंने केसीआर की चुनावी रैली को बाधित करने के लिए शहर में बंद बुलाया था।
टीआरएस अध्यक्ष ने कहा कि महबूबनगर क्षेत्रीय कांग्रेस नेताओं और टीडीपी नेताओं के कारण सूखे की समस्या से जूझ रहा था। उन्होंने कभी अविवाभाजित आंध्र प्रदेश के इस चट्टानी इलाके में विकास करने की कोशिश नहीं की।
उन्होंने कहा सत्ता में आने के बाद टीआरएस ने पलामपुर -रंगारेड्डी सिंचाई परियोजना के जरिये इस क्षेत्र में सिचाई की समस्या का समाधान किया। कांग्रेस ने इस परियोजना को रोकने के लिए कोर्ट में केस किया, नायडू ने केंद्र को चिट्ठी लिखी ताकि इस परियोजना को मंजूरी नहीं मिले। बहुत ही बेशर्मी के साथ कांग्रेस ने नायडू के साथ तेलंगाना पर कब्ज़ा करने के लिए हाथ मिला लिया।
केसीआर ने दावा किया कि टीआरएस सरकार ने आदिवासियों के क्षत्रों को ग्राम पंचायत का दर्जा दिया। उन्होंने कहा “सिर्फ कोडंगल ने 41 जआदिवासी गाँवों को ग्राम पंचायत का दर्जा दिया गया।”
केसीआर ने आलमपुर, गडवाल और मक्थल में भी जनसभाओं को संबोधित किया। उन्होंने जनता को टीआरएस के पिछले साढ़े 4 साल और कांग्रेस-टीडीपी के कगार दशकों की तुलना करने को कहा। उन्होंने कहा कि उनके समय में बिजली नहीं आती थी जबकि अब बिजली इतनी अधिक है कि हम किसी को भी बिजली दे सकते हैं। अगर महागठबंधन को वोट दिया तो लोगों को फिर से जेनरेटर और इनवर्टर पर आश्रित होना पड़ेगा।
तेलंगाना में 7 दिसंबर को विधानसभा की 119 सीटों पर वोट डाले जायेंगे।