तुलसी आयुर्वेद की दुनिया में एक बहुत ही लाभकारी औषधि मानी जाती है। इसमें कई रोगों का निवारण करने की क्षमता होती है। इसको भारत वर्ष में पूजा भी जाता है और अत्यंत पवित्र माना जाता है।
यह पाया गया है कि तुलसी के पौधे के नज़दीक जाने से ही हम काफी संक्रमणों से बच सकते हैं। तुलसी के पत्ते खाने के फायदे भी ढेरों हैं। यदि तुलसी की कुछ पत्तियां पानी में डाल दी जाये तो पानी एकदम शुद्ध और स्वच्छ हो जाता है।
खांसी, जुखाम आदि जैसे संक्रामक रोगों का बहुत ही आसान और फायदेमंद इलाज तुलसी के सेवन से हो जाता है। (पढ़ें: तुलसी के बीज का उपयोग कैसे करें)
विषय-सूचि
इसकी रोग निरोधक क्षमता और भारत वर्ष में म्हत्त्वता के कारण तुलसी को उच्च स्थान प्रदान किया गया है। ताजा और पवित्र तुलसी के पत्तों के एक-चौथाई कप (छः ग्राम) में निम्नलिखित शामिल हैं:
- 1 कैलोरी
- कोलेस्ट्रॉल नहीं होता है
- 0.2 ग्राम सोडियम
- 0.2 ग्राम कार्बोहाइड्रेट
- 25 माइक्रोग्राम विटामिन के
- 317 आईयू विटामिन ए
- 0.1 मिलीग्राम मैंगनीज
तुलसी के फायदे (tulsi benefits in hindi)
यहाँ पर तुलसी के स्वास्थ्य पर फायदे और अनेक लाभों का विवरण किया गया है। आइये बताते हैं कि तुलसी कैसे हमारे लिए अमृत बन जाती है। (यह भी पढ़ें: तुलसी की चाय के फायदे)
1. बुखार से निजात (tulsi for fever in hindi)
तुलसी में मौजूब तत्व इसे बिमारियों से लड़ने की क्षमता प्रदान करते हैं। यह हमारी शरीर को बैक्टीरिया, फंगस, वायरस आदि से बचाता है और किसी भी प्रकार के बैक्टीरियल संक्रमण को दूर रखता है।
बुखार मुख्य रूप से प्रोटोजोआ (मलेरिया), बैक्टीरिया (टाइफाइड), वायरस (फ्लू), और यहां तक कि एलर्जी वाले पदार्थ और कवक से संक्रमण के कारण होता है। बुखार वास्तव में एक बीमारी नहीं है। यह सिर्फ एक लक्षण है जो यह दिखाता है कि हमारा शरीर न दिखने वाले संक्रमण के खिलाफ लड़ रहा है।
तुलसी में पाए जाने वाले पोषक तत्व बुखार के कारणों को दूर करे, बुखार से निजात दिलाते हैं। भारत में यह पुरानी प्रथा है कि यदि किसी व्यक्ति को बुखार ने घेर रखा है तो उसको तुलसी की पत्तियों का काढ़ा बनाकर दिया जाता है।
2. श्वास सम्बन्धी समस्याओं को करता है दूर (tulsi for breathing in hindi)
ब्रोन्काइटिस जैसी घातक बिमारियों से लड़ने वाली तुलसी श्वास सम्बन्धी समस्याओं का निदान करती है। ये बैक्टीरिया, वायरस और फंगस के संक्रमण से लड़ने के साथ ही लोगों में श्वास लेने में होने वाली परेशानियों का भी निवारण करती है।
श्वास समबन्धि रोगों से लड़ने की क्षमता इसमें मौजूद तत्वों के कारण आती है। ये तत्व कैफे, यूजीन, और सिनेोल जैसे तेल होते हैं।
3. फेफड़ों में समस्या से मुक्ति (tulsi for lungs in hindi)
तुलसी धूम्रपान, तपेदिक के कारण फेफड़ों में हुए नुकसानों को ठीक करने और फेफड़ों के कैंसर से बचने में प्रभावी पाए जाते हैं। तुलसी में मौजूद विटामिन सी , कैफेने, इयूजेनॉल और सिनीओल फेफेदों की समस्या का समादान करते हैं।
अपनी एंटीबायोटिक गुणों के कारण इसमें ट्यूबरक्लोसिस से लड़ने की क्षमता भी रखता है।
4. तनाव कम करे (tulsi benefits for stress in hindi)
ब्लड प्रेशर नियंत्रित करके, सूजन को घटाकर, और नर्व सेल्स को संयमित रखकर तुलसी तनाव को कम करने का काम भी करती है। विटामिन सी और एंटीओक्सीडैन्ट्स की मौजूदगी के कारण तुलसी में इंसान को तनाव मुक्त करने की क्षमता होती है।
तुलसी में पोटेशियम, सोडियम की जगह लेता है और तनावग्रस्त रक्त कोशिकाओं को खोलकर रक्तचाप से संबंधित तनाव को कम करने का काम करता है।
5. एक लाभकारी माउथ फ्रेशनर (tulsi as a mouth freshener in hindi)
तुलसी को हम एक आयुर्वेदिक माउथ फ्रेशनर की तरह भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे दांतों की सफाई होती है और मुख की श्वास से आने वाली दुर्गन्ध से भी निजात मिलती है।
इसको इस्तेमाल करने के बाद मुँह में लबे समय तक ताजगी रहती है। यह मुँह में मौजूद कीटाणुओं और बैक्टीरिया को लगभग 99% तक कम कर देता है। तंबाकू चबाने वालों में ओरल कैंसर की समस्या से भी निजात दिलाती है तुलसी।
6. दन्त रोग से निजात (tulsi for teeth in hindi)
तुलसी उस बैक्टीरिया को नष्ट करने की काबिलियत रखती है जो दांतों में सडन से लिए ज़िम्मेदार होता है। इसमें ऐसे गुण होते हैं जो दांतों को मजबूत बनाते हैं और उन्हें टूटने से बचाते हैं।
तुलसी में मरकरी जैसे कुछ रोग निरोधक तत्व भी होते हैं जिनमें समृद्ध रोगाणुनाशक गुण होते हैं जो दांतों के लिए हानिकारक हो सकते हैं यदि उन्हें लंबे समय तक सीधे संपर्क में रखा जाता है। इसलिए, इन पत्तों को चबाने से बचने की सलाह दी जाती है।
हालांकि, यदि आप इसे चबाएं न और ऐसे ही निगल जायें तो इसकी कोई हानि नहीं होगी।
7. किडनी में पथरी से छुटकारा (tulsi for kidney stone in hindi)
तुलसी एक डिटॉक्सीफिर का काम करती है और शरीर में मौजूद यूरिक एसिड को हटती है जो किडनी में पथरी का मुख्य कारण माना जाता है। यह पेशाब की वृद्धि के माध्यम से गुर्दे को साफ करने में भी मदद करता है।
तुलसी में मौजूद एसिटिक एसिड पथरी को घुलाने में मददगार होती है। इसमें दर्द को झेलने की क्षमता होती है जो पथरी के कारण होने वाली पीड़ा को सहने में सहायक बनती है।
8. सरदर्द भगाए (headache treatment from tulsi in hindi)
सरदर्द लोगों के लिए एक जटिल समस्या बना गया है। तनाव, खान पान आदि भिन्न भिन्न आदतों के कारण लोग सरदर्द से ग्रस्त रहने लगे हैं। सरदर्द भागने के उपायों में तुलसी भी शामिल है।
माइग्रेन, साइनस के दबाव, खांसी, और ठंड या उच्च रक्तचाप के कारण हुए सरदर्द को तुलसी के सेवन से ठीक किया जा सकता है। तुलसी में पाए जाने वाले कैंबेने, यूगेनॉल, सिनेोल, कैवॅकोरोल, और मिथाइल-चाविकॉल में सरदर्द से होने समस्याओं का निवारण करने की क्षमता होती है क्योंकि इनमें एनलजेसिक, सेडेटिव, एंटी-कांजेस्तिव और डिसइनफेकटेंट गुण होते हैं।
9. दिल की बिमारियों को करे दूर (tulsi for heart disease in hindi)
हृदय रोग आजकल एक बहुत ही आम समस्या बन गया है और इसके कारण काफी लोगों की मृत्यु भी हो जाती है। तुलसी एक ऐसी औषधि है जो इससे लड़ने में सहायता करता है।
तुलसी में विटामिन सी और कई एंटीओक्सीडैन्ट्स जैसे कि यूजेनॉल मौजूद होते हैं जो दिल की बिमारियों से लड़ने में सहायक होते हैं। यूजेनॉल रक्त में मौजूद कोलेस्ट्रोल के स्तर को घटाता है और हृदय सम्बन्धी रोगों को दूर रखता है।
10. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाता है (tulsi for immunity in hindi)
तुलसी के अन्दर प्रतिरक्षा प्रणाली(इम्यून सिस्टम) को मज़बूत कर देता है और शरीर को बिमारियों से लड़ने के सक्षम बनता है।
यह वायरस, बैक्टीरिया, फंगस और प्रोटोजोआ से होने वाले लगभग सभी संक्रमणों से बचाता है। हाल के अध्ययनों से पता चलता है कि यह एचआईवी और कैसरजनिक कोशिकाओं के विकास को बाधित करने में भी उपयोगी है।
11. आखों के लिए लाभकारी (tulsi benefits for eyes in hindi)
आँखों की परेशानियों को दूर करने के लिए पानी में तुलसी की पत्तियां डालकर धोएं। इससे आँखों में कंजंक्टिवाइटिस आदि की समस्या दूर होती है। ये समस्याएं बैक्टीरियल या फंगल संक्रमण के कारण होती हैं।
यह आंखों की सूजन को भी कम करती है और तनाव को कम करता है। इसको नियमित रूप से खाने से मोतियाबिंद, मैक्यूलर डिएनेरेशन, ग्लूकोमा, दृष्टि दोष, और नेत्र, से हुई क्षति से आपकी आंखों की रक्षा होती है।
12. त्वचा के लिए उपयोगी (tulsi for skin in hindi)
रोज़ सुबह पानी में तुलसी डालकर स्नान करने से त्वचा स्वस्थ रहती है और किसी भी प्रकार के संक्रमण से त्वचा की रक्षा होती है। इसे लोग अपने चहरे पर भी इस्तेमाल करते हैं जिससे चहरे की चमक वापिस आ जाती है। सिर्फ तुलसी का उपयोग करके ही हम अपनी त्वचा को हर प्रकार के संक्रमण से मुक्त रख सकते हैं।
शरीर पर तुलसी के पत्तों का रस लगाने से मच्छर और अन्य कीड़े नहीं काटे हैं। यह आन्तरिक रूप से और बाहरी रूप से त्वचा के विकारों को पूरी तरह मिटा देता है। ऐसा कभी नहीं पाया गया है कि तुलसी को इस्तेमाल करने से इसके कोई दुष्प्रभाव हुए हों। इसके एंटीफंगल, एंटीबैक्टीरियल और एंटीबायोटिक गुणों के कारण ये संभव हो पाता है। इसको त्वचा पर लगाने से अतिरिक्त तेल भी निकल जाता है।
तुलसी से होने वाले उपचार (medicinal uses of tulsi in hindi)
1. बुखार (tulsi in fever in hindi)
तुलसी विभिन्न प्रकार के बुखार के उपचार के लिए अत्यधिक लाभदायक मानी जाती है। इससे मलेरिया जैसे घातक और संक्रामक बुखार आसानी से ठीक हो जाते हैं।
नीम की पत्तियों को दालचीनी के साथ उबालकर दूध और शक्कर के साथ मिलाने से शरीर का तापमान गिराया जा सकता है। हर 2-3 घंटो में इसे मरीज़ को देने से उसका उपचार किया जा सकता है। ये तरीका बच्चों के इलाज के लिए सबसे अधिक उपयोगी होता है।
2. खांसी (tulsi for cough in hindi)
अनेक प्रकार के खांसी के सिरप का मुख्य घटक होता है। अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारी के मरीजों के लिए तुलसी चमत्कारी साबित होती है। तुलसी को चबाने से खांसी जुखाम के लक्षणों से मुक्ति मिल जाती है।
3. गले में खराश (tulsi for throat in hindi)
पानी में तुलसी की पत्तियां उबालकर गार्गल करने से गले की खराश और गले खराब करने वाले संक्रमण से निजात पाना आसान होता है।
4. श्वास सम्बन्धी तकलीफ (tulsi for breathing problems in hindi)
अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, खांसी, जुखाम, इन्फ्लुएंजा जैसी बिमारियों में तुलसी की पत्तियों को शहद और अदरक के साथ उबालकर लेना फायदेमंद होता है।
तुलसी की पत्तियों को लौंग और नमक के साथ पानी में उबालकर लेने से इन्फ्लुएंजा का इलाज किया जा सकता है। इन मिश्रणों को पानी के 2 क्वार्टस में तब तक उबालना चाहिए जब तक पानी आधा न रह जाए।
5. किडनी में पथरी (pathri mein tulsi in hindi)
तुलसी किडनी के लिए अत्यधिक लाभदायक होती है। यदि आपकी किडनी में पथरी है तो तुलसी का रस शहद के साथ 6 महीने तक लेने से आपको पथरी की समस्या से राहत मिलेगी।
6. हृदय रोग (dil ke rog mein pathri in hindi)
कमज़ोर हृदय वालों के लिए तुलसी बहुत ही लाभदायक होती है। इससे आपके शरीर के कोलेस्ट्रोल के स्तर में भी गिरावट आती है।
7. बच्चों की बीमारियाँ (tulsi for kids in hindi)
बच्चों की बीमारियाँ जैसे की खांसी, जुखाम, बुखार, डायरिया, उलटी, आदि तुलसी की पत्तियों के रस के सेवन से ठीक की जा सकती हैं।
इसके अतिरिक्त ये चिकन पॉक्स जैसी बिमारियों में भी उपयोगी होता है यदि इसे केसर के साथ लिया जाए।
8. तनाव (tulsi for stress in hindi)
तुलसी की पत्तियों को तनाव से मुक्ति पाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। प्रतिदिन दो बार 12 तुलसी की पत्तियों को चबाने से तनाव की समस्या का समाधान होता है। ये रक्त को शुद्ध करता है और अन्य रोगों से भी छुटकारा दिलाता है।
9. मुँह का संक्रमण (tulsi for infection in hindi)
दिन में दो बार तुलसी की पत्तियां चबाने से मुँह में किसी भी प्रकार का संक्रमण नहीं रहता है और छाले यदि हों तो ठीक हो जाते हैं।
10. कीड़ों का काटना(दंश) (tulsi for insect bite in hindi)
तुलसी रोगनिरोधक और रोगनिवारक, दोनों के समान इस्तेमाल किया जा सकता है। 1 चम्मच तुलसी का रस हर घंटे लेने से कीड़े के काटे हुए में राहत मिलती है।
इसके अतिरक्त, तुलसी के रस को काटे हुए स्थान पर लगाने से खुजली और सूजन में आराम मिलता है। आप कीड़े या लीछ के काटे हुए में तुलसी का पेस्ट लगाना उपयोगी होता है।
11. त्वचा सम्बन्धी रोग (tulsi benefits for skin hindi)
तुलसी का रस दाद जैसी समस्याओ में इस्तेमाल करने से आपको आराम मिलता है। कई लोगों ने लयूकोडरमिया के उपचार में लाभदायक पाया है।
12. दन्त रोग (tulsi churn in hindi)
तुलसी की पत्तियों को धूप में सुखाकर इसका चूर्ण बना लें और इसे दांतों को साफ़ करने के लिए इस्तेमाल करें।
आप इसे हर्बल बनाने के लिए इसे सरसों के तेल में मिला सकते हैं। ये आपको श्वास की बदबू और दांतों की अन्य समस्याओं से निजात दिलाता है।
13. सिरदर्द (sirdard mein tulsi in hindi)
तुलसी सरदर्द में अत्यधिक उपयोगी होता है। तुलसी की पत्तियों को आधा कुअर्ट पानी में उबालें जब तक कि पानी की मात्रा आधी न रह जाए। प्रति घंटे 2 चम्मच इसे लेने से आपको सूजन और तकलीफ से निजात मिलता है। आप चन्दन के साथ मिलकर इसका पेस्ट भी बना सकते हैं जिससे आपको आराम मिलेगा।
14. आँखों का रोग (tulsi for eyes in hindi)
जिन लोगों को रात में देखने में परेशानी होती है और आँखों से सम्बंधित अन्य समस्याएं होती हैं उन्हें तुलसी का सेवन करने से आराम मिलता है। रात को सोते समय 2 बूँद काली तुलसी का रस आँखों में डालने से आपको आराम मिलेगा।
15. चिकित्सीय गुण (tulsi ke aushdhiya gun in hindi)
तुलसी का प्रयोग आपकी याददाश्त तेज़ करता है, नर्व टॉनिक की तरह उपयोगी होता है और आपके गले से कफ हटाने में सहायक होता है। ये पत्तियां पेट को मज़बूत करती है और परिष्कृत पसीना बहाती हैं।
इसका इस्तेमाल म्यूकस निकालने के लिए किया जा सकता है। इसका सेवन हर घंटे किया जा सकता है।
main tulsi ki chay peeta hoon. tulsi ka pauda bhi hamare ghar mein hai. tusli ki chay peene se munh mein khushboo aati hai aur badboo door ho jaati hai. aapko bhi rojana tulsi ki chay peeni chahiye. tulsi ki patti bhi bahut faaydemand hoti hai.
मेरे घर में तुलसी का पेड़ है. तुलसी एक बहुत अच्छी औषधि है. इसके गुण घर को साफ़ रखते हैं और परिवार को स्वस्थ बनते हैं .
मैंने अपने घर में बहुत सारे तुलसी के पेड़ लगा रखे हैं लेकिन हमें तुलसी को खाना नहीं चाहिए हम उन्हें भगवान मानते हैं इसलिए हमें नहं खाना चाहिए !
agar hamen khaansi evam jukaam ho rahaa hai to hamen yah theek karne ke liye kitna khaana chaahiey?
Kyaa tulsi ki chai peene se migrane mein koi asar padta hai mere 1 saal se migrane hai yah theek nahi ho raha hai
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