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    उत्तराखंड में सियासी घमासान थम चुका है। त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस्तीफे के बाद तीरथ सिंह रावत उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री बने हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को बधाई दी है। तीरथ सिंह रावत ने राज्यपाल के समक्ष मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस्तीफे के बाद तीरथ सिंह रावत ने अब 1 साल के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री का पदभार संभाला है। देहरादून में हुई विधायक दल की बैठक में तीरथ सिंह रावत के नाम का प्रस्ताव लाया गया और उनके नाम पर मुहर लगा दी गई। वे गढ़वाल से भाजपा के सांसद रह चुके हैं। प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई है कि नए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में प्रदेश तरक्की करेगा। उनके अनुभव का लाभ राज्य को मिलेगा और राज्य नहीं ऊंचाइयों को छुएगा।

    त्रिवेंद्र सिंह रावत के जाने के बाद नए मुख्यमंत्री किस तरह से प्रदेश को संभालते हैं, यह देखने लायक होगा। पिछले काफी समय से चर्चा चल रही थी कि त्रिवेंद्र सिंह रावत अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं और उन्होंने मंगलवार को देहरादून जाकर राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। मुख्यमंत्री घोषित होने के बाद तीरथ सिंह रावत ने भाजपा का शुक्रिया अदा किया है और कहा है कि उन्हें इतने महत्वपूर्ण पद की उम्मीद भी नहीं थी। वे पूरी कोशिश करेंगे कि जनता की उम्मीदों पर खरे उतर सकें। साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रदेश के लिए जिन कामों की शुरुआत की थी वे उसे आगे बढ़ाने का काम भी करने वाले हैं।

    मुख्यमंत्री के इस्तीफे के बाद से दो नामों पर चर्चा काफी जोरों पर थी। अनिल बलूनी और अजय भट्ट मुख्यमंत्री पद के लिए बड़े दावेदार माने जा रहे थे। लेकिन उत्तराखंड भाजपा ने तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाकर सभी अटकलों को खारिज कर दिया। तीरथ सिंह रावत ने केंद्रीय नेतृत्व का भी धन्यवाद किया है। तीरथ सिंह रावत लगातार 3 सालों तक उत्तराखंड भाजपा के प्रमुख भी बने रहे। वर्तमान में वे पौड़ी गढ़वाल से लोकसभा सांसद थे। 2019 में उन्होंने मनीष खंडूरी को 3.50 लाख मतों से हराया था।

    मुख्यमंत्री पद की रेस में बहुत से अनुभवी और वरिष्ठ नेताओं के नाम शामिल थे। धन सिंह रावत, अजय भट्ट, अनिल बलूनी, सतपाल महाराज, निशंक समेत कई नेता मुख्यमंत्री पद के लिए संभावित उम्मीदवार लग रहे थे। लेकिन तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री का पदभार सौंपा गया। प्रदेश की जनता को अपने सियासी नेतृत्व से प्रदेश के बेहतरी की उम्मीद जताई है। संभावना जताई जा रही है कि नए मुख्यमंत्री के आने के बाद प्रदेश तरक्की करेगा और नए मुख्यमंत्री प्रदेश की बेहतरी के लिए कार्य करेंगे।

    उत्तराखंड में आज तक एनडी तिवारी के अलावा कोई भी मुख्यमंत्री ऐसा नहीं रहा जिसने 5 साल का अपना कार्यकाल पूरा किया हो। त्रिवेंद्र सिंह रावत ऐसे मुख्यमंत्री हो सकते थे, लेकिन उनके कार्यकाल पूरा होने से 1 साल पहले ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गैरसैण को उत्तराखंड का तीसरा मंडल बनाकर उत्तराखंड की राजनीति में एक महत्वपूर्ण और साहसिक कदम उठाया है। वे अपने इस कदम के लिए उत्तराखंड की राजनीति में सदैव याद रखे जाएंगे।

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