अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को ईरान पर आरोप लगाया कि वह गुपचुप तरीके से यूरेनियम का संवर्धन करते हैं। इसके जवाब में ईरानी राजदूत ने कहा कि “ईरान की सभी परमाणु गतिविधियों पर संयुक्त राष्ट्र के निगरानी समिति की निगाहें बनी रहती है।”
छिपाने को कुछ भी नहीं
काजिम घरीब आबादी ने पत्रकारों से कहा कि “हमारे पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है।” अमेरिका की मांग पर 35 राष्ट्रों के गवर्नर बोर्ड की अंतरराष्ट्रीय परमाणु उर्जा विभाग की बैठक का आयोजन हुआ था। बीते दो हफ्तों ने ईरान ने संधि के दो सीमाओं का उल्लंघन किया है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को ईरान पर आरोप लगाया कि वह लम्बे अरसे से गुपचुप तरीके से परमाणु संवर्धन कर रहे थे और अमेरिका जल्द ही उन पर प्रतिबंधो के भारी को बढ़ाएगा। तेहरान के परमाणु संधि के उल्लंघन करने पर यूएन के परमाणु निगरानीकर्ता के इमरजेंसी बैठक बुलवाई थी।
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा की बैठक के सत्र का इस्तेमाल वांशिगटन ने ईरान की आलोचना करने के लिए किया था। साथ ही वांशिगटन तेहरान को इस मामले पर बातचीत के लिए प्रस्ताव भी दे रहा है। ईरान ने कहा कि “वह अमेरिका के सख्त आर्थिक प्रतिबंधों की प्रतिक्रिया दे रहे हैं।”
डोनाल्ड ट्रम्प ने बीते वर्ष अमेरिका को साल 2015 में हुई परमाणु संधि से बाहर निकाल लिया था और ईरान पर सभी प्रतिबंधों को वापस थोप दिया था। तेहरान ने कहा कि “उनके सभी कदम परिवर्तनीय है यदि अमेरिका संधि में वापस लौट आता है।”
डोनाल्ड ट्रम्प ने ट्वीटर पर कहा कि “ईरान लम्बे समय से गोपनीय तरीके से संवर्धन कर रहा है और यह जॉन कर्री और ओबामा प्रशासन द्वारा बनायीं गयी 150 अरब डॉलर की संधि का उल्लंघन था। याद रखे, यह संधि कुछ ही वर्षों में समाप्त हो जाती। प्रतिबंधों को जल्द ही बढाया जायेगा।”