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    जीतन राम मांझी

    आगामी लोकसभा चुनावों में बीजेपी के लिए मुश्किले लगातार बढ़ती जा रही है। एक-एक करके एनडीए के साथी रहे दल उनसे दूर होते जा रहे है। महाराष्ट्र में शिवसेना, आंध्रप्रदेश में तेदेपा के बाद अब बिहार में पूर्व मुख्यमंत्री की हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा ने एनडीए के साथ गठबंधन बनाए रखने से इंकार कर दिया है।

    एनडीए के गठबंधन से बाहर निकलते हुए बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने आरजेडी के साथ महागठबंधन में शामिल होने का ऐलान किया है। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) -कांग्रेस के  महागठबंधन में शामिल होने के लिए मांझी की पार्टी की आधिकारिक घोषणा कल की जा सकती है।

    आरजेडी नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री रहे तेजसवी यादव ने कहा कि वह (जीतन राम मांझी) मेरे माता-पिता के एक पुराना दोस्त रहे है। हम उनका स्वागत करते है।

    गौरतलब है कि एनडीए के साथ गठबंधन तोडने का फैसला मांझी बिहार में होने वाले उपचुनावों में बीजेपी के साथ नाराजगी के चलते कर रहे है। जहानाबाद उपचुनाव में टिकट न मिलने के कारण मांझी की नाराजगी के संकेत मिल रहे थे।

    बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व जीतन राम मांझी में भी अच्छे संबंध नहीं है। टिकट बंटवारे व चुनाव लडने को लेकर जीतन की नाराजगी एनडीए पर भारी पड़ गई है। इससे पहले महाराष्ट्र में शिवसेना ने ऐलान कर रखा है कि वो अगला चुनाव बीजेपी के साथ न लड़कर अकेली ही लडेगी।

    वहीं आंध्र प्रदेश में भी मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू कई बार एनडीए के साथ गठबंधन तोडने की धमकी दे चुके है। अगर ऐसा ही रहा तो आगामी चुनाव आते-आते एनडीए गठबंधन को काफी मुश्किलों को सामना करना पड़ सकता है।

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