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    अपने जन्मदिन के मौके पर बसपा प्रमुख मायावती ने की मुसलमानों को रिझाने की कोशिश

    अपने 63वे जन्मदिन के अवसर पर, बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने आगामी लोक सभा चुनाव के लिए मुस्लिम वोट इकठ्ठा करने के लिए कदम उठा लिया है। उन्होंने सरकारी नौकरियों में समुदाय के बढ़ते प्रतिनिधित्व और आर्थिक स्थिति के आधार पर आरक्षण के लिए सवाल किया।

    मंगलवार को पूर्व उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री ने कहा-“एक वक़्त था जब सरकारी नौकरियों में मुसलमानों का 33% प्रतिनिधित्व था मगर आज, वे गिरकर 2-3% तक आ गया है। उन्हें निशाना भी बनाया जाता है जैसे अभी कुछ वक़्त पहले देखा गया था जब शुक्रवार की नमाज़ पढ़ने पर मसला हुआ था।”

    दिलचस्प बात ये है कि मायावती के राजनीतिक साझीदार अखिलेश यादव, खुलकर मुसलमानों से जुड़े मुद्दे पर बात करने से कतरा रहे हैं। इसे पार्टी की रणनीति का हिस्सा बताया जा रहा है जिससे भाजपा के उस दावे का खंडन होगा जिसमे ये कहा गया था कि सपा मुसलमानों की पार्टी है।

    राजनीती विश्लेषक, मायावती के इस कदम को आगामी लोक सभा चुनाव में मुस्लिम वोट हासिल करने का तरीका बता रहे हैं क्योंकि राज्य में लगभग 20 प्रतिशत आबादी इस समुदाय से आती है और ये चुनावों में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं।

    सपा के साथ हुए अपने गठबंधन पर उन्होंने कहा-“इस साल मेरा जन्मदिन लोक सभा चुनाव के बेहद करीब मनाया जा रहा है। सपा और बसपा अपनी सारी नाराज़गी भूलकर यूपी से भाजपा को हटाने के लिए साथ साथ आये हैं।” दोनों पार्टी नेताओं से देश के हित में पिछले मतभेदों को भूल जाने का आग्रह करते हुए, यूपी सुप्रीमो ने कहा-“यह मेरे लिए सबसे अच्छा जन्मदिन का उपहार होगा।”

    अपने गठबंधन से कांग्रेस को छोड़ने पर भी मायावती ने खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि इस पार्टी ने देश में सबसे लम्बे वक़्त तक राज़ किया मगर फिर भी वे लोगों की उम्मीदों पर खरी नहीं उतर पाई।

    उनके मुताबिक, “भले ही कांग्रेस ने इस बार जीत का आश्वासन दिया हो, लेकिन तीन राज्यों में पहले से ही कृषि ऋण माफी को लेकर उंगलियां उठ रही हैं। बड़ा सवाल यह है कि नौ महीने पहले कृषि ऋण माफी में कटौती क्यों की गई है। इसके अलावा, ये सरकार केवल 2 लाख तक का क़र्ज़ मांफ कर रही है और यह किसानों को किसी भी तरह से मदद नहीं करेगा।”

    भाजपा पर भी तीखा हमला बोलते हुए मायावती ने उनपर देश की जनता को धोका देने का इलज़ाम लगाया। उन्होंने कहा-“पीएम मोदी अपनी रैलियों में बड़े बड़े वादे करते हैं मगर हर बार की तरह हम यही मानते है कि इस बार भी सारे वादे रह जाएंगे। बोफोर्स और राफेल जैसे मामलों से बचने के लिए रक्षा खरीद के लिए एक उचित तंत्र होना चाहिए।”

    देश में मौजूदा कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर भाजपा पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “आपके सामने एक अच्छा उदाहरण सपा प्रमुख अखिलेश यादव हैं।”

    By साक्षी बंसल

    पत्रकारिता की छात्रा जिसे ख़बरों की दुनिया में रूचि है।

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