शिवसेना पर हमला बोलते हुए लोक जनशक्ति पार्टी ने सोमवार को कहा कि वे जानबूझ कर राम मंदिर का मुद्दा उठा रही है ताकी वे सरकार के विकास एजेंडा से लोगो का ध्यान भटका सकें वर्ना तो खुद को हिन्दू पार्टी कहने वाली शिवसेना भगवान राम के क्षेत्र से आने वाले उत्तर भारतीयों को मुंबई में अपमान करती है।
चिराग पासवान ने ट्वीट कर लिखा-“एनडीए में तथाकथित हिंदुत्व की राजनीति करने वाले एवं उत्तर भारतियों को निशाने पर रखने वाली शिव सेना चुनाव से ठीक पहले देश का ध्यान विकास के कामों से भटकाने में लगी है। पौने पाँच वर्ष गुज़र जाने के बाद अब अयोध्या की याद आ रही है और आज वे एलजेपी और जेडीयू पर ऊँगली उठा रहे है।”
एन॰डी॰ए में तथाकथित हिंदुत्व की राजनीति करने वाले एवं उत्तर भारतियों को निशाने पर रखने वाली शिव सेना चुनाव से ठीक पहले देश का ध्यान विकास के कामों से भटकाने में लगी है।पौने पाँच वर्ष गुज़र जाने के बाद अब अयोध्या की याद आरही है और आज वे एल॰जे॰पी॰ और जे॰डी॰यू॰ पर ऊँगली उठा रहे है।
— युवा बिहारी चिराग पासवान (@iChiragPaswan) January 14, 2019
दुसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा-“इन तथाकथित हिंदू दल द्वारा भगवान राम की नगरी उत्तर भारत से आने वाले भाइयों को मुंबई में अपमानित किया जाता है उस समय भगवान राम से ज़्यादा मराठी वोट बैंक की चिंता रहती है। भगवान राम के राज्य में जहाँ ना कोई क्षेत्रवाद था ना जातिगत मतभेद थे। इन आदर्शो से शिव सेना को प्रेरणा लेनी चाहिए।”
इन तथाकथित हिंदू दल द्वारा भगवान राम की नगरी उत्तर भारत से आने वाले भाइयों को मुंबई में अपमानित किया जाता है उस समय भगवान राम से ज़्यादा मराठी वोट बैंक की चिंता रहती है।भगवान राम के राज्य में जहाँ ना कोई क्षेत्रवाद था ना जातिगत मतभेद थे।इन आदर्शो से शिव सेना को प्रेरणा लेनी चाहिए
— युवा बिहारी चिराग पासवान (@iChiragPaswan) January 14, 2019
ये बयां तब आया जब एक दिन पहले शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा था कि भाजपा अयोध्या में राम मंदिर कैसे बनवा सकती है जब उसके सहयोगी दल जैसे एलजीपी और जदयू इसका विरोध कर रहे हैं।
एलजीपी और बिहार के मुख्यमंत्री की पार्टी जदयू ने हिंदुत्व संगठनों जिसमे शिवसेना भी शामिल थे, की मांग का विरोध किया था कि नरेंद्र मोदी सरकार अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए एक कानून लेकर आये।
हालांकि भाजपा ने दावा किया है कि वह चाहती है कि मंदिर का निर्माण जल्द से जल्द हो, लेकिन संकेत दिया है कि वह इस मामले पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का इंतजार करेगा।