Wed. Oct 16th, 2024
    चारा घोटाला

    बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को सीबीआई की विशेष अदालत ने आज दोषी करार दिया। जगन्नाथ मिश्रा समेत 7 अन्य आरोपियों को निर्दोष पाया गया है। जनवरी, 1996 में हुए 950 करोड़ रुपए के इस चारे घोटाले में तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा समेत 54 अन्य लोग आरोपी थे।

    माना जाता है कि इस चारा घोटाले की वजह से ही बिहार की राजनीति पर एकक्षत्र राज करने वाले लालू प्रसाद यादव का राजनीतिक पतन शुरू हुआ और उनकी पार्टी आरजेडी धीरे-धीरे हाशिए की ओर जाने लगी। इस मामले की सुनवाई रांची स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में चल रही थी। मामले में दोषी पाए गए आरोपियों की सजा पर सुनवाई 3 जनवरी को होगी।

    सुनवाई के वक्त लालू प्रदसाद यादव के पुत्र और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी अपने पिता के साथ उपस्थित रहे। बिहार का बहुचर्चित चारा घोटाला वर्ष 1996 में सामने आया था। तकरीबन दो दशकों से भी अधिक समय से यह मामला सीबीआई की विशेष अदालत के विचाराधीन था। चारा घोटाले में जानवरों के लिए चारा, दवाएं और पशुपालन से जुड़े उपकरणों की खरीद में सरकारी खजाने का दुरुपयोग किया गया था। इस घोटाले में नौकरशाह, नेता और इस व्यापार से जुड़े कई अन्य लोगों की भी सहभागिता थी।

    आज सुनवाई के दौरान रांची में सीबीआई की विशेष अदालत ने चारा घोटाले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के साथ-साथ 14 अन्य आरोपियों को भी दोषी करार दिया जबकि जगन्नाथ मिश्रा समेत 7 अन्य आरोपियों को आरोपों से बरी कर दिया। जगन्नाथ मिश्रा तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और वर्तमान में जेडीयू के वरिष्ठ नेता हैं। लालू प्रसाद यादव सीबीआई की विशेष अदालत से सीधा रांची स्थित बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल जाएंगे। यह जेल पशुपालन विभाग की जमीन पर बनी है।

    1996 में इस घोटाले के उजागर होने के बाद इसकी जाँच सीबीआई को सौंपी गई। जाँच के दौरान सीबीआई ने इस मामले के तार तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव से जुड़े हुए पाए। घोटालों में नाम आने की वजह से लालू प्रसाद यादव को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था और उनकी पत्नी राबड़ी देवी ने बिहार की कमान सँभाली थी। चारा घोटाले से जुड़े एक अन्य मामले में इसी वर्ष अक्टूबर में लालू प्रसाद यादव को 37 करोड़ के गबन का दोषी पाया गया था और उन्हें सजा सुनाई गई थी। 1 महीने जेल में रहने के बाद लालू यादव दिसंबर में जमानत पर रिहा हो गए थे।

    By हिमांशु पांडेय

    हिमांशु पाण्डेय दा इंडियन वायर के हिंदी संस्करण पर राजनीति संपादक की भूमिका में कार्यरत है। भारत की राजनीति के केंद्र बिंदु माने जाने वाले उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले हिमांशु भारत की राजनीतिक उठापटक से पूर्णतया वाकिफ है।मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक करने के बाद, राजनीति और लेखन में उनके रुझान ने उन्हें पत्रकारिता की तरफ आकर्षित किया। हिमांशु दा इंडियन वायर के माध्यम से ताजातरीन राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर अपने विचारों को आम जन तक पहुंचाते हैं।