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    गौतम गंभीर

    भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाज गौतम गंभीर ने भारत के लिए दो बड़े विश्व कप में शानदार बल्लेबाजी कर टीम इंडिया को 2 विश्वकप खिताबो पर कब्जा करवाया था। बाएं-हाथ का यह बल्लेबाज 2007 आईसीसी टी-20 विश्वकप और 2011 वनडे विश्वकप में टीम की तरफ से अधिक रन बनाने वाला खिलाड़ी था, जहां भारत ने दोनो विश्वकप एमएस धोनी की कप्तानी में जीते थे। गंभीर ने पिछले साल दिसंबर में मध्य-प्रदेश के खिलाफ आखिरी रणजी ट्रॉफी मैच खेलकर सन्यांस का ऐलान किया था।

    पूर्व सलामी बल्लेबाज, जो पिच पर अपने धैर्य और दृढ़ संकल्प के लिए जाने जाते थे, एक पेशेवर क्रिकेटर के रूप में एक शानदार कैरियर होने के बावजूद उन्हें अपने जीवन में एक बड़ा अफसोस है। सेना के लिए उनका प्यार किसी के लिए एक रहस्य नहीं है, और गंभीर का मानना है कि भारतीय सेना में सेवा करने में सक्षम नहीं होना उनके जीवन में एकमात्र अफसोस है।

    बाएं-हाथ के बल्लेबाज ने भारतीय टीम से 58 टेस्ट और 147 एकदिवसीय मैच खेले है, जिसमें उन्होने दोनो प्रारूप में 4154 और 5238 रन बनाए है, उनका कहना है अगर वह क्रिकेटर नही बनते तो वह निश्चित रूप से आर्मी में शामिल होना चाहते थे। उन्होंने खुलासा किया कि उनके लिए यह शुद्ध नियति थी कि उन्हें 12 वीं कक्षा में रणजी ट्रॉफी में खेलने का मौका मिला, तब तक वह एनडीए की परीक्षा में बैठने का मन बना चुके थे।

    गंभीर ने एक पुस्तक विमोचन के दौरान पीटीआई के हवाले से कहा, ” यह शुद्ध भाग्य था और क्या मुझे 12वीं कक्षा में रणजी ट्रॉफी मैच नही खेलना चाहिए था, मैं निश्चित रूप से एनडीए के लिए जाना चाहता था क्योंकि यह मेरा पहला प्यार था और यह अभी भी मेरा पहला प्यार है। वास्तव में, जीवन में मेरा एकमात्र अफसोस यही है। मैं सेना में शामिल नहीं हो सका।”

    लेकिन गंभीर ने भारतीय बैज पहनते हुए मैदान पर सब कुछ दिया और खेल के महान खिलाड़ियों में से एक के रूप में सेवानिवृत्त हुए। 2007 के विश्व टी 20 और 2011 के आईसीसी विश्व कप के फाइनल में क्रमशः 75 रन और 97 रन की अपनी पारी के लिए उन्हें आज भी याद किया जाता है। विश्व कप के नायक अपनी सेना के माध्यम से भारतीय सेना से जुड़े हुए हैं जो शहीदों के बच्चों की देखभाल करते है। उनकी नींव फिलहाल 50 बच्चों की है, लेकिन भविष्य में संख्या बढ़ाने की योजना है।

    By अंकुर पटवाल

    अंकुर पटवाल ने पत्राकारिता की पढ़ाई की है और मीडिया में डिग्री ली है। अंकुर इससे पहले इंडिया वॉइस के लिए लेखक के तौर पर काम करते थे, और अब इंडियन वॉयर के लिए खेल के संबंध में लिखते है

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