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    गुलज़ार: जगजीत सिंह के गीत और गज़लों की पसंद ने उनके भीतर के भाव को दर्शाया है

    जगजीत सिंह के जन्मदिन के अवसर पर, लेखक और गीतकार गुलज़ार ने गज़ल उस्ताद की गीतों की पसंद पर विचार करते हुए कहा कि उन्होंने उनके व्यक्तित्व को दर्शाया है।

    गुलज़ार ने एक बयान में कहा-“वह हमेशा एक जादू कर देते थे। यह उनकी विशेषता थी। उसने दिखाया कि वह कौन थे। उनके गीत और गज़लों की पसंद ने उनके भीतर के भाव को दर्शाया। उन्होंने फिर शब्दों को सबसे सरल तरीके से व्यक्त किया।”

    अगर जगजीत सिंह आज ज़िंदा होते तो वे 78 साल के होते। उनकी 2011 में मौत हो गयी थी।

    गुलज़ार, जगजीत सिंह की पत्नी चित्रा सिंह और फिल्म और संगीत जगत के बाकि सदस्य जैसे ज़ाकिर हुसैन, महेश भट्ट, सुभाष घाई, सलीम आरिफ और अमीषा पटेल के साथ मिलकर मुंबई में उन्हें श्रद्धांजलि देंगे।

    इस अवसर पर, मोबियस फिल्म उनकी ज़िन्दगी पर आधारित डाक्यूमेंट्री-“कागज़ की कश्ती-जगजीत सिंह कम अलाइव” की स्क्रीनिंग भी करेंगे।

    https://youtu.be/NqRCVdotF1U

    एक विशेष ‘जगजीत सिंह का इमर्सिव म्यूजियम एक्सपीरियंस, फिल्म स्क्रीनिंग, कॉन्सर्ट एक्सपीरियंस’ भी घोषित किया जाएगा। यह सात शहरों – दिल्ली, कोलकाता, बेंगलुरु, अहमदाबाद, हैदराबाद, चंडीगढ़ और मुंबई की यात्रा करेगी।

    ब्रह्मानंद एस सिंह, जिन्होंने डाक्यूमेंट्री का निर्देशन किया है, ने कहा कि यह समारोह जगजीत सिंह के कुछ संगीत समारोहों को एक विशेष तरीके से, उनके जीवन के कई छोटे ज्ञात पहलुओं के बारे में, उनके संगीत की विशिष्टता को समझने और गहराई से देखने के बारे में और उपकरणों और उनके संगीतकारों के सफ़र  के बारे में अनदेखे और व्यक्तिगत विडियो, चित्र, गाने और किस्सों के बारे में होगा।

    सितंबर 2011 में जगजीत सिंह को ब्रेन हैमरेज हुआ। वह दो सप्ताह से अधिक समय तक कोमा में रहे और 10 अक्टूबर को मुंबई में उनका निधन हो गया। गज़ल के पुनरुद्धार और लोकप्रियता के लिए, उन्हें 2003 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।

     

    By साक्षी बंसल

    पत्रकारिता की छात्रा जिसे ख़बरों की दुनिया में रूचि है।

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