गुर्जर आरक्षण की मांग को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन और धरने के चलते राजस्थान में रेलवे को ट्रेनों के संचालन में तमाम तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
आरक्षण की मांग लिए हुए गुज्जर समुदाय के लोगों ने इस समय राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में रेलवे ट्रैक पर कब्जा किया हुआ है। इसके चलते कई ट्रेनों का संचालन प्रभावित होने के साथ ही कई ट्रेनों को रद्द भी करना पड़ा है।
पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा डिवीजन की 7 ट्रेनों के रूट में परिवर्तन करना पड़ा है, जबकि एक ट्रेन को रद्द और तीन ट्रेनों को आंशिक रूप से रद्द करना पड़ा है।
गुर्जर संघर्ष समिति (जीएसएस) नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने शुक्रवार को अपने समर्थकों को साथ लेकर गुज्जर समुदाय के साथ ही अन्य चार समुदायों के लिए आरक्षण की माँग करते हुए धरने पर बैठने का निर्णय लिया है।
प्रदर्शनकारियों ने गुज्जर समुदाय के अलावा रायकारबाड़ी, गड़िया लोहार, बंजारा और गड़रिया समुदाय के लिए सरकारी नौकरियों और शिक्षा संस्थानों में प्रवेश को लेकर अलग से 5 प्रतिशत आरक्षण देने की माँग रखी है।
इसके पहले पिछले महीने ही बैंसला ने राज्य सरकार को 20 दिनों का अल्टिमेटम जारी कर गुज्जर समुदाय के लिए आरक्षण को लेकर अपनी स्थिति को स्पष्ट करने के लिए कहा था।
शुक्रवार को 20 दिनों की सीमा समाप्त हो जाने के साथ ही बैंसला ने सवाई माधोपुर जिले के मलारणा डूंगर में एक ‘महा पंचायत’ करते हुए अपने समर्थकों के साथ ट्रेनों को रोकने के लिए ट्रैक पर बैठने का निर्णय लिया है।
धरना दे रहे गुज्जरों ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि ‘हमारे पास अच्छे प्रधानमंत्री और अच्छे मुख्यमंत्री है। हम चाहते हैं कि वो हमारी बात सुनें। उनके लिए हमें आरक्षण देना कोई बड़ा काम नहीं है।’
वहीं गुज्जरों के नेता बैंसला ने मीडिया से रूबरू होते हुए यह कहा है कि ‘समय बादल रहा है और अब जनता को हर बार बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता है। अबकी करो या मरो की स्थिति है।’
बैंसला के अनुसार यह यह शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन होगा, जिसका प्रतिनिधित्व खुद बैनस्ल करेंगे।
हालाँकि इस बार मानवाधिकार आयोग ने भी अपनी तरफ से सख्ती दिखाते हुए सरकार से कहा है कि यदि प्रदर्शंकारी किसी भी दशा में सार्वजनिक सपत्ति को नुकसान पहुँचाते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए। इस संबंध में आयोग ने 11 फरवरी को पुलिस महानिदेशक से रिपोर्ट भी तलब की है।