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    कुलभूषण जाधव

    पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय न्यायिक अदालत के फैसले के बाद कुलभूषण जाधव तक राजनयिक पंहुच का प्रस्ताव दिया है। दस दिन पूर्व इस्लामाबाद ने हेग में यह कदम उठाये थे। न्यूज़ 18 के मुताबिक, भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने नई दिल्ली को पाकिस्तान का प्रस्ताव मिलने की पुष्टि की थी।

    साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में रवीश कुमार ने कहा कि “हम आईसीजे के न्याय की रौशनी में इसका मूल्यांकन करेंगे। हम इस मामले पर कूटनीतिक चैनल के जरिये पाकिस्तान के साथ बातचीत बरकरार रखेंगे। तौर तरीको पर चर्चा के लिए एक उपयुक्त मंच नहीं है।”

    कुमार ने कहा कि “पाकिस्तान द्वारा भेजा गया प्रस्ताव आईसीजे के दिए गए निर्देशों के तहत मूल्यांकन किया जायेगा। जो भी होगी वह वक्त पर कूटनीतिक चैनल के जरिये भेजे जायेंगे।”

    आईसीजे ने 17 जुलाई को पाकिस्तान को 1963 वियेना संधि का उल्लंघन करने का कसूरवार ठहराया था जिसके तहत राजनयिक पंहुच दी जाती है। पाकिस्तान जाधव को भारतीय राजनयिक के साथ वार्ता के उनके अधिकारों के बाबत बताने में असफल रहे थे।

    कुलभूषण जाधव पर आईसीजे के फैसले के बाद इस्लामाबाद ने आश्वस्त किया कि वह कानून के तहत कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि “जाधव को आर्टिकल 36 की राजनयिक पंहुच के तहत अधिकारों के बाबत सूचित किया गया था।” पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा था कि जाधव तक राजनयिक पंहुच देने के लिए तौर तरीको पर कार्य किया जा रहा है।

    जाधव पर पाकिस्तान ने जासूसी और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लागाये हैं और भारत के काफी आग्रहों के बावजूद पाक ने जाधव को राजनयिक पंहुच की मंज़ूरी नहीं दी थी।

    पाकिस्तान द्वारा वियना संधि के उल्लंघन में आईसीजे ने 15-1 से वोट दिया था। पाकिस्तान का दावा है कि उनके सुरक्षा बलों ने जाधव को 3 मार्च 2016 में बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया था जब वह ईरान की सीमा पार कर पाकिस्तान में दाखिल हो रहे थे।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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