Fri. Mar 29th, 2024
    अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प

    अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि “फरवरी में वियतनाम की राजधानी हनोई में किम जोंग के साथ दूसरे शिखर सम्मेलन में समझौता इसलिए नहीं हो पाया था क्योंकि उत्तर कोरिया का नेता पांच परमाणु साइट्स में से सिर्फ एक या दो को ही ध्वस्त करना चाहता था।”

    फॉक्स न्यूज़ को  दिए इंटरव्यू में डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि “जब मैं वियतनाम से चला गया मैंने चेयरमैन किम से कहा कि वह समझौते के लिए तैयार नहीं है क्योंकि वह एक या दो परमाणु साइट्स को ध्वस्त करने के लिए तैयार था। उसके समक्ष पांच साइट्स है। तीन और परमाणु साइट्स का क्या होगा।”

    इस इंटरव्यू में डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान के साथ जंग के बाबत कहा कि “वह कभी तेहरान को परमाणु हथियार का विस्तार करने की अनुमति नहीं देंगे। मैं नहीं चाहता कि ईरान के पास परमाणु हथियार हो। मैं युद्ध नहीं चाहता हूँ लेकिन जान आपके समक्ष ईरान के जैसे हालात हों तो आप उनके समक्ष परमाणु हथियार नहीं दे सकते हैं।”

    उन्होंने कहा कि “मैं उनमे से नहीं हूँ जो जंग चाहता है। जंग अर्थव्यवस्था को अस्थिर कर देती है। सबसे महत्वपूर्व जंग में नागरिकों की मौत होती है।” अमेरिका ने खाड़ी देशों में एक जंगी विमान और बी-52 बमवर्षक की तैनाती की थी और इसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है।

    पेंटागन के मुताबिक ईरान की तरफ से उनकी सेना और हितो पर आक्रमण की प्रतिक्रिया के लिए इसकी तैनाती की गयी है। डोनाल्ड ट्रम्प ने बीते वर्ष अमेरिका को साल 2015 में ईरान और वैश्विक ताकतों के साथ हुई संधि से बाहर निकाल लिया था।

    इस समझौते को ओबामा प्रशासन के कार्यकाल के दौरान एक प्रमुख कूटनीतिक जीत करार दिया गया था। इसका मकसद ईरान के नागरिक ऊर्जा कार्यक्रम को सीमित करना और भविष्य में परमाणु हथियारों के विस्तार से बचाये रखना था।

    ईरान ने हाल ही में अपने वादों से पीछे हटने का ऐलान किया था और उन्होंने कहा कि देश भारी जल और असीमित यूरेनियम का उत्पादन करेगा।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *