कर्नाटक सरकार में ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री के एस ईश्वरप्पा की बर्खास्तगी और भगवा झंडे वाले बयान को लेकर देशद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग कर रहे कांग्रेस विधायक पिछले 24 घंटे से विधानसभा के भीतर ही जमे हुए है।
सरकार पर दबाव बनाने के लिए कांग्रेस पार्टी के विधायक विधानसभा के भीतर ही बिस्तर लगाकर सो रहे हैं। यह अपने आप मे अनोखा विरोध प्रदर्शन (Cong Protest in Karnataka Assembly) है। विधायकों की विधानसभा के भीतर ही सोने की व्यवस्था वाली तस्वीर कर्नाटक कांग्रेस इकाई द्वारा सोशल मीडिया पर शेयर किया गया है।
क्या है पूरा मामला…
दरअसल एक मीडियाकर्मी के सवाल का जवाब देते हुए मंत्री ईश्वरप्पा ने बयान दिया कि- “…. अभी नहीं, लेकिन भविष्य में एक दिन लालकिला पर भी भगवा झंडा फहराया जाएगा।”
उनके इसी बयान के बाद कर्नाटक की राजनीति में बवाल मच गया। कांग्रेस पार्टी ने सदन में मंत्री के बर्खास्तगी की मांग करने लगे। गुरुवार को सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद कांग्रेस विधायकों ने पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और राज्य कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार के नेतृत्व में सदन के भीतर ही डेरा डाल दिया।
हालाँकि पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा, मुख्यमंत्री बोम्मई और विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी ने विधानसभा परिसर में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धारमैया से मुलाक़ात कर बातचीत की। फिर भी, कांग्रेस विधायक अपनी मांग पर टिके रहे।
सिद्धारमैया ने भाजपा और संघ परिवार पर लगाये गंभीर आरोप
विरोध जता रहे है विधायकों को नेतृत्व दे रहे पूर्व मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए भाजपा और संघ परिवार पर राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का आरोप लगाया।
ईश्वरप्पा ने इस्तीफा देने से मना किया
इधर कांग्रेस पार्टी प्रदर्शन कर रही है और पंचायती राज मंत्री के इस्तीफे की मांग कर रही है, वहीं मंत्री ईश्वरप्पा ने इस्तीफ़ा देने से इनकार करते हुए कहा कि – “उनको विरोध करने दें, मैं नहीं हटूँगा”। मंत्री जी ने खुद को देशभक्त बताते हुए कहा कि वो देश के लिए आपातकाल के दौरान जेल भी गए थे।
क्या है ऐसे अनोखे विरोध प्रदर्शन का इतिहास…
आपको बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है कि जब विधायक बोरिया बिस्तर लेकर विधानसभा के भीतर डेरा जमाए हो।
2019 में भी कर्नाटक के भीतर ऐसा ही राजनीतिक नाटक हुआ था। तत्कालीन सरकार के मुखिया, जो कांग्रेस और जेडीएस के गठबंधन वाली सरकार थी, एच डी कुमारस्वामी द्वारा सदन में विश्वास मत हासिल करने की प्रक्रिया में देरी की जा रही थी और डेरा डालकर विरोध करने वाली पार्टी थी बीजेपी।
कुल मिलाकर कहें तो आज भी खेल वही है बस गोलपोस्ट आपस मे बदल गए हैं।
Add Comment